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उद्धव ने राणे के लिए बंद किए शिवसेना के दरवाजे

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेता नारायण राणे के लिए पार्टी के दरवाजे पूरी तरह बंद कर दिए हैं। उद्धव ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया है कि राणे के लिए शिवसेना में कोई जगह नहीं है। उद्धव का यह बयान पृथ्वीराज मंत्रिमंडल से सोमवार को इस्तीफा देने वाले राणे के उस बयान का जवाब माना जा रहा है जिसमें उन्होंने कह

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 10:39 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jul 2014 10:42 PM (IST)
उद्धव ने राणे के लिए बंद किए शिवसेना के दरवाजे

राज्य ब्यूरो, मुंबई। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेता नारायण राणे के लिए पार्टी के दरवाजे पूरी तरह बंद कर दिए हैं। उद्धव ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया है कि राणे के लिए शिवसेना में कोई जगह नहीं है।

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उद्धव का यह बयान पृथ्वीराज मंत्रिमंडल से सोमवार को इस्तीफा देने वाले राणे के उस बयान का जवाब माना जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके लिए तो सभी दलों में जगह है। वह जहां चाहें, जा सकते हैं। राणे के इस बयान को शिवसेना में वापसी से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन उद्धव ने साफ कर दिया है कि शिवसेना छोड़कर जानेवाला कोई व्यक्ति यदि अपनी गलतियों का अहसास कर शिवसेना में वापस आना चाहता है, तो आ सकता है। लेकिन मेरे पिता बाल ठाकरे को कष्ट पहुंचाने वालों के लिए शिवसेना में कोई जगह नहीं है। उद्धव ऐसा ही बयान इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता छगन भुजबल को लेकर भी दे चुके हैं। बता दें कि राणे और भुजबल दोनों ही शिवसेना छोड़कर जानेवाले नेताओं में से हैं। दोनों के बारे में अक्सर ऐसी अफवाहें उड़ती रहती हैं कि वे पुन: शिवसेना में आना चाहते हैं। इन अफवाहों का एक कारण यह भी है कि शिवसेना के पास फिलहाल कोई तेजतर्रार नेता नहीं है, जिसे विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के योग्य माना जा सके।

नारायण राणे कांग्रेस में रहेंगे या नहीं, इस पर अभी भी संशय बना हुआ है। राणे ने पृथ्वीराज मंत्रिमंडल से तो इस्तीफा दे दिया है, लेकिन कांग्रेस में अभी बने हुए हैं। राणे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ही कोई अंतिम निर्णय करेंगे। इस्तीफा देने के बाद आज उनकी मुख्यमंत्री चह्वाण से मुलाकात हुई थी। लेकिन मुख्यमंत्री के विरोध में ही मंत्रिपद छोड़ने वाले राणे की समस्या का कोई हल पृथ्वीराज नहीं निकाल सके, क्योंकि राणे खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। यदि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात में उनकी बातें मानी गई तो वह कांग्रेस में बने रह सकते हैं। अन्यथा कोई दूसरा राजनीतिक विकल्प तलाश कर सकते हैं।

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