अमेरिका के रक्षामंत्री का नॉर्थ कोरिया को चेतावनी, जानें क्यों किम के निशाने पर है गुआम
अमेरिका की सेना ने हाल में ही गुआम में अपना सैन्य अभ्यास किया है। वहां पर अमेरिकी बमवर्षक विमानों के कई ठिकाने हैं।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच जिस तरह से लगातार तनातनी बढ़ रही है इस दिशा में अगर जल्द पहल नहीं की गई तो इसका परिणाम काफी विनाशकारी हो सकता है। इस बात का संकेत अमेरिकी विदेश मंत्री के उस बयान में मिलता है जिसमें रेक्स टिलरसन ने कहा कि उत्तर कोरिया ने अगर अमेरिका या उसके सहयोगी देशों पर एक भी मिसाइल छोड़ी तो उसके खिलाफ बिना देरी के जवाबी कार्रवाई की जाएगी। टिलरसन ने कहा, सैन्य कार्रवाई हमारी प्राथमिकता में शामिल नहीं है। लेकिन हम हर तरह की कार्रवाई के लिए तैयार हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अमेरिका की तरफ से बार-बार ऐसी चेतावनी देने की जरूरत क्यों पड़ रही है? इसके अलावा नॉर्थ कोरिया के निशाने पर क्यों अमेरिकी पैसेफिक के क्षेत्र द्वीप गुआम?
अमेरिकी विदेश मंत्री की नॉर्थ कोरिया को चेतावनी
अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा कि यदि उत्तर कोरिया जापान, गुआम या दक्षिण कोरिया की ओर मिसाइल दागता है तो अमेरिका उसके खिलाफ बल प्रयोग के लिए तैयार है। यह बयान एक ऐसे समय पर आया है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रमुख रणनीतिकार स्टीव बैनन ने कहा है कि उत्तर कोरिया की ओर से पेश खतरे और उसकी परमाणु संबंधी महत्वाकांक्षाओं का कोई सैन्य समाधान नहीं है।
वाशिंगटन में वह रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस, जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो और जापानी रक्षा मंत्री इत्सुनोरी ओनोडेरा के साथ मीडिया से मुखातिब थे। टिलरसन ने कहा कि देश उत्तर कोरिया की ओर से पैदा की जाने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, हम तैयार हैं। हम सैन्य रूप से तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं। सैन्य प्रयोग हमारा प्राथमिक रास्ता नहीं है। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने भी किम को चेताया
उधर, रक्षा मंत्री मैटिस ने कहा, उत्तर कोरिया की ओर से पहली मिसाइल चलने के साथ ही उसे कड़ा जवाब दिया जाएगा। इस मौके पर जापानी रक्षा मंत्री ने भी जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार होने की बात कही। टिलरसन ने कहा, हम उत्तर कोरिया सरकार से बात करना चाहते हैं। सभी समस्याओं का समाधान बातचीत से संभव है। टोक्यो पहुंचे अमेरिकी सेनाओं के प्रमुख जोसेफ डनफोर्ड ने अपने जापानी समकक्ष एडमिरल कासुतोशी कवानो के साथ बैठक के बाद कहा, उत्तर कोरिया की तरफ से होने वाला हमला दोनों ही देशों के खिलाफ कार्रवाई माना जाएगा। उस पर दोनों देश जवाबी कार्रवाई कार्रवाई करेंगे। यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण समय हैं। हम उत्तर कोरिया की ओर से होने वाले हमले के खिलाफ एकजुट हैं।
हालांकि, अमेरिकी हमले की सूरत में नॉर्थ कोरिया सबसे पहले अमेरिकी पैसिफिक क्षेत्र के गुआम को अपना निशाना बना सकता है। उसकी खास वजह भी है जो यहां पर जानना जरूरी है।
नॉर्थ कोरिया के निशाने पर गुआम क्यों?
गुआम एक छोटा सा अमेरिकी द्वीप है जो भारत से करीब सात हजार किलोमीटर की दूरी पर है। लेकिन, इस द्वीप पर नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की नजर है। नॉर्थ कोरिया ने कहा है कि हम अमेरिका के पैसेफिक क्षेत्र के द्वीप गुआम में मिसाइल हमले पर विचार कर रहे हैं। गुआम की अमेरिका से दूरी करीब ग्यारह हजार किलोमीटर है जबकि गुआम की नॉर्थ कोरिया से दूरी 3430 किलोमीटर है। ऐसी में अगर लड़ाई होती है तो गुआम तक पहुंचने की स्थिति में नॉर्थ कोरिया जल्दी आ सकता है।
अमेरिकी सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण है गुआम
अमेरिका की सेना ने हाल में ही गुआम में अपना सैन्य अभ्यास किया है। वहां पर अमेरिकी बमवर्षक विमानों के कई ठिकाने हैं। गुआम में अमेरिका का वायुसेना और नौसेना की छावनी है। ये द्वीप करीब 541 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। गुआम की कुल आबादी करीब एक लाख 63 हजार है जबकि इस द्वीप के 27 फीसदी हिस्से पर अमेरिकी सेना की छावनी बनी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल इस द्वीप में अमेरिका के छह हजार से ज्यादा सैनिक तैनात हैं।
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