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सुरक्षा एजेंसियों की चिंता का सबब बनींं ये सुरंग

जम्‍मू में आतंकी घुसपैठ और ड्रग स्‍मगलिंग के लिए सीमा पर खोदी गई सुरंगों की उपस्‍थिति चिंता का विषय बन गई है।

By Monika minalEdited By: Published: Fri, 02 Dec 2016 10:20 AM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2016 11:05 AM (IST)

जम्मू (जेएनएन)। सीमा सुरक्षा बल के लिए अभी चिंता का बड़ा कारण वे सुरंग बन गए हैं जिसका आधा हिस्सा जम्मू में है और आधा सीमा पार, दूसरे वतन में। और तो और इसका पता लगाने के लिए हमारी सुरक्षा एजेंसियों के पास कोई टेक्नोलॉजी नहीं है।

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सुरंगों से होता है आतंकी घुसपैठ

जम्मू कश्मीर व पाकिस्तान की सीमा पर तैनात सिक्योरिटी एजेंसी के लिए रेल ट्रैक और सुरंगों की सुरक्षा बड़ा मामला बन गयी है। चमलियाल क्षेत्र में गोली बारी के बाद 80 फीट लंबे सुरंग का पता चला और इसके रहस्य को सुलझाने में बीएसएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियां लगी हैं। इसके कारण जम्मू की रेल पटरियों के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सूफी संत चमलियाल बाबा के कारण प्रसिद्ध चमलियाल के पास तीन बंदूकधारी आतंकी की गिरफ्तारी के बाद उस क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है। इस क्षेत्र का उपयोग आर्मी के लिए टैंक, बंदूकों, हथियारों व अन्य सामानों के आयात-निर्यात के लिए किया जाता है।

80 फीट लंबा सुरंग

ऐसा संदेह है कि आर्मी संबंधित सामानों के सप्लाई करने वाले ट्रेन पर आतंकियों का निशाना है। बीएसएफ व खुफिया एजेंसियां अभी भी 80 फीट लंबे सुरंग के पीछे छिपे रहस्य के खुलासा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय सीमा के नीचे खुदे इस सुरंग का उपयोग आतंकियों के घुसपैठ के लिए होता है। पाकिस्तान की सीमा से 100 मीटर की दूरी पर ‘जीरो प्वाइंट’ पर जेसीबी मशीन की मदद से संभावित अन्य सुरंगों को खोजा गया। घुसपैठ और ड्रग स्मगलिंग के खोदी गई सुरंगों की उपस्थिति चिंता का विषय बन गई है। यह सीमा सुरक्षा बल के लिए अभी सबसे बड़ा चिंता का कारण है क्योंकि इनके पास ऐसे सुरंगों का पता लगाने के लिए कोई टेक्नोलॉजी नहीं है।

सुरक्षा के लिए चुनौती बनी सुरंग

सुरक्षा के लिए ये सुरंग बड़ी चेतावनी हैं। यह स्पष्ट है कि आतंकियों को पाकिस्तान की ओर से समर्थन दिया जा रहा है। मंगलवार को नगरोटा में आतंकी हमले के बाद जिस सुरंग का पता चला है वह भारतीय सीमा के भीतर 45 फीट है और बाकी का अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार। पाकिस्तान की ओर से खोदे गए इन सुरंगों को घने पेड़ पौधों के कारण बीएसएफ द्वारा देख पाना असंभव है।

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