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चीन से सुरक्षा संतुलन के लिए अमेरिका भारत को दे सकता है F-16

यह सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत हो सकता है जिसमें कंपनी को कुछ हद तक भारत में ही विमान के निर्माण की सुविधा देनी होगी।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 02:22 PM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 12:40 AM (IST)
चीन से सुरक्षा संतुलन के लिए अमेरिका भारत को दे सकता है F-16
चीन से सुरक्षा संतुलन के लिए अमेरिका भारत को दे सकता है F-16

वाशिंगटन, प्रेट्र : अमेरिका के दो वरिष्ठ सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से अनुरोध किया है कि चीन से सुरक्षा संतुलन बनाने के लिए भारत को एफ-16 लड़ाकू विमान बेचे जाएं। सांसदों ने इस सौदे को भारत के लिए बढ़ रहे खतरों के मद्देनजर भी जरूरी बताया है। सीनेटर मार्क वार्नर और सीनेटर जॉन कॉर्निन ने यह पत्र रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस और विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को भेजा है।

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पत्र में लिखा गया है कि इस सौदे का प्रस्ताव भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत में प्राथमिकता पर रखा जाए। भारत अपना लड़ाकू विमानों का बेड़ा बढ़ाने जा रहा है और एफ-16 व ग्रिपन विमान उसकी विचारणीय सूची में शामिल हैं। पत्र में उल्लेख किया गया है कि अमेरिकी वायुसेना एफ-16 विमानों को सन 1999 में खरीदना बंद कर चुकी है।

ऐसे में लॉकहीट मार्टिन कंपनी के लिए उन विमानों की खरीद के लिए भारत बड़ा ग्राहक बन सकता है। यह सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत हो सकता है जिसमें कंपनी को कुछ हद तक भारत में ही विमान के निर्माण की सुविधा देनी होगी।

दोनों सांसदों ने कहा है कि सामरिक दृष्टि से भारत अमेरिकी विमानों को ही प्राथमिकता देगा। ऐसे में ट्रंप प्रशासन द्विपक्षीय बातचीत में एफ-16 सौदे को आगे बढ़ाने का प्रयास करे। इससे अमेरिकी उद्योग जगत को भी फायदा होगा। वार्नर डेमोक्रेटिक पार्टी से और कॉर्निन रिपब्लिकन पार्टी से सांसद हैं। लेकिन ये दोनों संसद के भारत समर्थक गुट में शामिल हैं।

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