ट्रक हड़ताल पर आज संभव है अहम एलान
सरकार की सख्ती और ट्रक वालों का समर्थन घटने से ट्रांसपोर्टर हड़ताल खत्म करने का कोई सम्मानजनक बहाना ढूंढ़ रहे हैं। हालांकि उनका दावा है कि वे सोमवार शाम चार बजे तक सरकार को झुका लेंगे। टोल प्लाजाओं को हटाने और ट्रांसपोर्ट कांट्रेक्टरों पर टीडीएस खत्म करने की मांग को
नई दिल्ली। सरकार की सख्ती और ट्रक वालों का समर्थन घटने से ट्रांसपोर्टर हड़ताल खत्म करने का कोई सम्मानजनक बहाना ढूंढ़ रहे हैं। हालांकि उनका दावा है कि वे सोमवार शाम चार बजे तक सरकार को झुका लेंगे। टोल प्लाजाओं को हटाने और ट्रांसपोर्ट कांट्रेक्टरों पर टीडीएस खत्म करने की मांग को लेकर पहली अक्टूबर से चल रही ट्रांसपोर्टरों की देशव्यापी हड़ताल का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है। हड़ताल में केवल आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआइएमटीसी) के घटक शामिल थे। जबकि बाकी संगठनों ने इससे किनारा कर लिया था। ऐसे में सरकार के रुख में नरमी न दिखने से ट्रक वालों में हताशा फैलने लगी है। क्योंकि अगले साल तक देशभर में इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन प्रणाली लागू हो जाएगी, जबकि दस से कम ट्रक वाले ट्रांसपोर्ट आपरेटरों को टीडीएस काटने और रिटर्न दाखिल करने के झंझट से मुक्त किया जा चुका है। ऐसे में हड़ताली संगठनों के लिए हड़ताल का औचित्य समझा पाना मुश्किल हो गया है।
इंडियन फाउंडेशन आफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग (आइएफटीआरटी) के अनुसार, लंबी दूरी की माल ढुलाई करने वाले आधे से ज्यादा ट्रक वालों ने राजमार्गो पर आवाजाही शुरू कर दी है। जबकि दो एक्सल वाले बीस लाख मझोले व छोटे ट्रकों तथा पच्चीस लाख बस आपरेटरों ने हड़ताल में भाग नहीं लिया है। फैक्टियों में ह्वाइट गुड्स, कारें व दुपहिया वाहन, कपड़ा व परिधान, मार्बल व टाइल, फर्नीचर व फिक्चर, पेट्रोकेमिकल, दवाएं, एफएमसीजी जैसे प्रमुख सामानों की लदाई शुरू हो गई है। दिल्ली-एनसीआर में ई-कामर्स के जरिए लोगों के घरों में पहले की तरह सामान पहुंच रहा है। लेकिन ट्रांसपोर्टर इसे मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि हड़ताल जोरशोर से चल रही है। और सरकार को उसी तरह झुकना होगा जैसे भूमि अधिग्रहण विधेयक पर झुकी थी।
एआइएमटीसी के अध्यक्ष भीम वधवा के अनुसार, सोमवार शाम चार बजे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ ट्रांसपोर्टरों की बैठक है। इससे बड़ी उम्मीदें हैं। जब उनसे सरकार के सख्त रुख के बारे में सवाल किया गया तो उनका कहना था कि ‘सख्त तो सरकार भूमि अधिग्रहण बिल पर भी थी। लेकिन पीछे हटना पड़ा कि नहीं!’ तो क्या आपकी मांगें मानी जा रही हैं? इस पर उनका जवाब था, ‘कल शाम तक इंतजार कीजिए!’