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ट्रेन की छत पर बैठे तो नहीं मिलेगी नौकरी

राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए ट्रेन की छत पर बैठकर या पायदान पर लटक कर सफर करने वाले परीक्षार्थियों को अब नौकरी की दौड़ से बाहर होना पड़ सकता है। राज्य लोक सेवा आयोग ने युवाओं को हादसों से बचाने के लिए यह निर्णय लागू कर दिया है। आयोग ने प्रवेश पत्रों पर चेतावनी के रूप

By Edited By: Updated: Wed, 13 Nov 2013 03:44 AM (IST)
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जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए ट्रेन की छत पर बैठकर या पायदान पर लटक कर सफर करने वाले परीक्षार्थियों को अब नौकरी की दौड़ से बाहर होना पड़ सकता है। राज्य लोक सेवा आयोग ने युवाओं को हादसों से बचाने के लिए यह निर्णय लागू कर दिया है।

पढ़ें: सिपाही भर्ती परीक्षा 15 दिसंबर को

आयोग ने प्रवेश पत्रों पर चेतावनी के रूप में लिखना शुरू कर दिया है कि 'ट्रेन की छत एवं पायदान पर यात्रा करना कानूनी अपराध है। ऐसा पाए जाने पर परीक्षा से वंचित किया जा सकेगा।' यह चेतावनी राजस्थान प्रशासनिक सेवा भर्ती-2013 के तहत होने वाली प्रारंभिक चरण की परीक्षा के लिए जारी प्रवेश पत्रों पर लिखी गई है। अन्य परीक्षाओं के प्रवेश पत्रों पर भी यही चेतावनी अंकित होगी। आयोग के सदस्य शिवपाल सिंह ने बताया कि व्यवस्था लागू करने का मकसद अभ्यर्थियों को जोखिम भरे सफर से बचाना है।

यदि किसी परीक्षार्थी को पुलिस फोर्स, जीआरपी या फिर रेलवे के अधिकृत स्टाफ द्वारा ट्रेन की छत पर बैठे पकड़ा जाता है तो आयोग संबंधित एजेंसी से जानकारी लेकर उसे परीक्षा से बाहर कर सकता है। जरूरत समझे जाने पर ऐसे परीक्षार्थियों को आयोग की सभी परीक्षाओं में बैठने से रोका जा सकता है। गौरतलब है कि ट्रेन की छत पर बैठने की वजह से राजस्थान में पिछले दिनों कई हादसे हो चुके हैं।

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