देश में जल संकट से निपटने को बने केंद्रीय कानून
जल जन जोड़ो अभियान ने संसद की स्थायी समिति को सौंपा जल अधिकार सुरक्षा अधिनियम का प्रारूप..
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देश में सूखा व जल संकट से निपटने के लिए जल जन जोड़ो अभियान ने केंद्रीय कानून बनाने की मांग की है। उसने जल अधिकार सुरक्षा पर निजी अधिनियम तैयार कर उसे विचार के लिए संसद की स्थायी समिति को सौंप दिया है। जल जन जोड़ो अभियान की तरफ से इसकी जानकारी विंडसर प्लेस स्थित इंडियन वूमन प्रेस क्लब में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में दी गई।
जल पुरुष राजेंद्र सिंह, जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह, गांधीवादी रमेश शर्मा, अभियान के पदाधिकारी डॉ कृष्ण पाल, अनिल शर्मा ने अधिनियम का निजी प्रारूप सार्वजनिक किया। राजेंद्र सिंह ने कहा कि कॉरपोरेट घराने जमीन से पानी निकालकर मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं देश सूखे और जल संकट में घिरा हुआ है। इससे निपटने के लिए हमें सामुदायिक प्रयासों पर जोर देना होगा। जल संकट से निपटने के लिए अभी तक सरकारी बजट सिर्फ दिखावा साबित हुआ है, इसका उदाहरण हम गंगा सफाई के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों में देख चुके हैं।
उन्होंने गंगा पर नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश की अनुपालना न होने पर रोष जताते हुए कहा कि देश में एक नई सभ्यता ने जन्म लिया है। इसके तहत कॉरपोरेट घरानों के हित में आए अदालती फैसलों की अनुपालना तुरंत होती है, लेकिन प्रकृति के हित में आए अदालती निर्णय की अनुपालना करने में कोई संजीदगी नहीं दिखाई जाती है। प्रारूप को लेकर संजय सिंह ने कहा कि इसमें तीन मुख्य बिंदु हैं, जिन पर अब सरकार को विचार करना है। जल को राज्य सूची से निकालकर नदी की तरह केंद्रीय सूची में शामिल करने की मांग की गई है और उस पर एक केंद्रीय कानून बनाने पर बल दिया गया है, जिसका अनुपालन राज्य के लिए अनिवार्य हो। देशभर के जल निकायों का नक्शा तैयार कर ऑडिट करने की मांग की गई है।
गौरतलब है कि जल जन जोड़ो अभियान ने देश में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कन्याकुमारी से 27 मई को सूखा मुक्त यात्रा की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम के तहत 101 यात्राएं होंगी और समापन 15 अगस्त को कर्नाटक के बीजापुर में होगा।
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