सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना होगा : राजनाथ
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में अपने पुराने घर आकर अब परेशान हो जाते हैं। वजह है घर पर मौजूद रहने वाली मेले जैसी भीड़ और समर्थकों की उनसे अपार अपेक्षाएं।
लखनऊ, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में अपने पुराने घर आकर अब परेशान हो जाते हैं। वजह है घर पर मौजूद रहने वाली मेले जैसी भीड़ और समर्थकों की उनसे अपार अपेक्षाएं। आलम यह है कि पिछली तीन दिवसीय अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ की यात्रा के बाद उनके साथ सामान में दो बोरे भी रवाना हुए थे। इन बोरों में लोगों की विभिन्न आकांक्षाओं को दर्शाते प्रार्थनापत्र थे। लगातार एक के बाद एक कार्यक्रमों में शिरकत करते और लोगों से मिलते राजनाथ सिंह शाम ढले निढाल से हो गए हैं, फिर भी 'दैनिक जागरण ' के लिए समय निकाल लेते हैं। उत्तर प्रदेश संपादक दिलीप अवस्थी से उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की विशेषकर उत्तर प्रदेश के राजनीतिक भविष्य के संबंध में। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश-
-कैसा चल रहा है बिहार चुनाव?
- लड़ाई है, लेकिन साफ लगता है कि हम लोग सरकार बनाने में कामयाब रहेंगे। कारण है कि बड़ी संख्या में जदयू और राजद छोडऩे वाले हमें ज्वाइन कर रहे हैं। मौजूदा सरकार से लोगों में नाराजगी है।
-कहा जा रहा है कि सूबे में पार्टी नेतृत्व विहीन है?
-नहीं-नहीं, हमारे यहां नेतृत्व की भरमार है। नेतृत्व का फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करता है। बिहार में बिना किसी को डिक्लेयर किए चुनाव लडऩे का बोर्ड ने फैसला किया।
-उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की क्या तस्वीर देख रहे हैं?
- वैसे तो चुनाव के लिए डेढ़ साल है और तब क्या परिस्थिति होगी, अभी कह नहीं सकते लेकिन जिस तरह से जनता का सहयोग मिल रहा है उससे भाजपा की बेहतर तस्वीर दिख रही है। भाजपा अबकी यहां भी सरकार बनाएगी।
-कहीं चुनाव के मद्देनजर सांप्रदायिक माहौल बिगाडऩे की कोशिश तो नहीं की जा रही है?
- मैं ऐसा न मानता हूं और न ही ऐसा होना चाहिए। अगर ऐसा कुछ होता है तो वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होगा। देश में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह से गंभीर है।
- कौन माहौल खराब कर रहा है?
- देखिए देश-प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक सद्भाव बनाए रखना किसी एक पार्टी या सरकार की नहीं बल्कि हर एक दल की जिम्मेदारी है वह देश या प्रदेश में इसे सुनिश्चित करे।
- उप्र की कानून-व्यवस्था के बारे में क्या सोचते हैं?
- देखिए, कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है। हालांकि, मैं राज्य सरकार से अपेक्षा करता हूं कि सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक सद्भाव को सुनिश्चित करे।
-आतंकवाद से देश को कितना खतरा है?
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से स्थिति पहले से बेहतर हुई है। पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर की सीमा से आतंकवादी घुसपैठ के फिराक में रहते हैं लेकिन हमारी सेना और अद्र्ध सैनिक बल के जवानों की मुस्तैदी से बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे जा रहे हैं।
-देश की सीमाओं पर क्या स्थिति है?
- सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। बीएसएफ, आइटीबीपी, सीआरपीएफ आदि के जवान सीमाओं की सुरक्षा में डटे हुए हैं।
-अब तो नेपाल की ओर से भी हालात ठीक नहीं दिख रहे?
-...अरे, कोई समस्या नहीं है। पड़ोसी देश नेपाल से हमारे काफी पुराने मजबूत सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध रहे हैं। हमारी सरकार ने इस दिशा में और भी कदम उठाए हैं।
-नेपाल का झुकाव चीन की ओर देखा जा रहा है?
- नेपाल और भारत की संस्कृति लगभग मिलती-जुलती है। ऐसा कुछ होने नहीं पाएगा।
-बांग्लादेश के रास्ते बड़े पैमाने पर गायों की तस्करी हो रही है?
-बांग्लादेश से हमारे अच्छे संबंध हैं। पूर्व की सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया लेकिन हमने बांग्लादेश की सीमा पर अफसरों व जवानों के साथ बैठक की। नतीजे चौंकाने वाले हैं कि पहले जहां सालाना 13 लाख गायें यहां से बाहर जाती थी वहीं अब यह संख्या घटकर एक चौथाई रह गई है।