नारद स्टिंग केस में सीबीआइ जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची तृणमूल
नारद स्टिंग केस में सीबीआई की जांच के खिलाफ टीएमसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
कोलकाता(जेएनएन)। कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा नारद स्टिंग कांड की सीबीआइ जांच के निर्देश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार और आरोपियों (तृणमूल नेता व सांसद) की ओर से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। लेकिन दायर याचिका में कई त्रुटि रहने के कारण मामले पर जल्द सुनवाई के लिए आवेदन नहीं किया जा सका। संभवत: सभी त्रुटि दूर कर मंगलवार को मामले पर जल्द सुनवाई के लिए सरकार और स्टिंग में फंसे तृणमूल नेताओं की ओर से आवेदन किया जा सकता है।
दूसरी ओर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग कैविएट दाखिल किया गया है ताकि एकतरफा फैसला नहीं सुनाया जा सके। पश्चिम बंगाल सरकार व तृणमूल की ओर से नारद कांड की सीबीआइ जांच के आदेश पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गईं। उस समय तृणमूल के वरिष्ठ सांसद सौगत राय, डॉ. काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बनर्जी और पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी मौजूद थे।
तृणमूल की ओर से शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका में 50 त्रुटियां थीं, जिस कारण मामले पर त्वरित सुनवाई के लिए आवेदन नहीं किया जा सका। वहीं राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका में भी त्रुटि रह गई थी। तृणमूल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व अधिवक्ता कपिल सिब्बल लड़ेंगे।
राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम मुकदमा लड़ेंगे। वहीं दूसरी ओर सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस विधायक अब्दुल मन्नान और कांग्रेस नेता अमिताभ चक्रवर्ती ने भी याचिका दायर की है। मन्नान का कहना है कि सारधा चिटफंड घोटाले की तरह नारद स्टिंग कांड की भी जांच कोर्ट की निगरानी में हो। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। इसलिए सीबीआइ जांच का विरोध कर रही है।