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जीएसटी कर विवादों के निपटारे के लिए 3 सदस्यीय होगा GST अपीलीय ट्रिब्यूनल

राज्य पीठ के अध्यक्ष की नियुक्ति भी राज्य सरकारों को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श के बाद करनी होगी।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Thu, 23 Feb 2017 09:20 PM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 09:37 PM (IST)
जीएसटी कर विवादों के निपटारे के लिए 3 सदस्यीय होगा GST अपीलीय ट्रिब्यूनल
जीएसटी कर विवादों के निपटारे के लिए 3 सदस्यीय होगा GST अपीलीय ट्रिब्यूनल

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर संबंधी विवादों के निपटारे के लिए तीन सदस्यीय जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल बनेगा। सरकार केंद्रीय जीएसटी कानून के तहत जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन करेगी जिसकी तर्ज पर राज्यों में भी इसी प्रकार के ट्रिब्यूनल बनेंगे।

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खास बात यह है कि जीएसटी ट्रिब्यूनल की राष्ट्रीय पीठ का अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के किसी न्यायाधीश या किसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को ही बनाया जा सकेगा। साथ ही इसकी नियुक्ति भी सरकार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श के बाद करनी होगी।

सूत्रों ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल की व्यवस्था बनाने पर विचार विमर्श किया है। केंद्र ने इसकी बैठक में जो प्रस्ताव किया है, उसके अनुसार अपीलीय ट्रिब्यूनल की एक राष्ट्रीय पीठ होगी जो राष्ट्रीय राजधानी में होगी जबकि सरकार जरूरत के हिसाब से इसकी प्रादेशिक पीठ भी बनाएगी। इस पीठ में अध्यक्ष के अलावा दो तकनीकी सदस्य भी होंगे जिनमें से एक की नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी जबकि दूसरे की नियुक्त राज्य सरकार करेगी।

वहीं राज्य स्तर पर भी जीएसटी ट्रिब्यूनल की दो तरह की पीठ होंगी। राज्य पीठ का अध्यक्ष उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश, उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने की योग्यता रखने वाले जिला न्यायाधीश और अवर सचिव स्तरीय पद पर तीन साल तक तैनात रहने वाले भारतीय विधि सेवा के सदस्य की नियुक्ति की जा सकेगी। राज्य पीठ के अध्यक्ष की नियुक्ति भी राज्य सरकारों को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श के बाद करनी होगी। राज्य पीठ में भी दो तकनीकी सदस्य होंगे जिसमें एक केंद्र से होगा जबकि दूसरा राज्य से।

सूत्रों ने कहा कि फिलहाल केंद्रीय उत्पाद, सीमा शुल्क और सेवा कर के मामलों को निपटाने के लिए जो ट्रिब्यूनल होता है उसमें राज्यों के प्रतिनिधि नहीं होते हैं। हालांकि जीएसटी केंद्र और राज्यों में एक समान कर होगा, इसलिए इसके मामलों के निपटान के लिए केंद्र और राज्यों में बनने वाले ट्रिब्यूनल में दोनों के ही तकनीकी सदस्य शामिल होंगे।

सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय पीठ और प्रादेशिक पीठ जहां 'आपूर्ति के स्थान' से संबंधित विवादों को सुनेंगी वहीं राज्य और क्षेत्रीय पीठ अन्य मामलों को सुनेंगी। अपीलीय प्राधिकरण के फैसले से असंतुष्ट व्यक्ति तीन माह के भीतर ट्रिब्यूनल के पास अपील कर सकेगा। हालांकि अपीलकर्ता व्यक्ति पर कर बकाया है तो उसे अपीलीय प्राधिकरण द्वारा निर्धारित की गयी कर देयता का कम से कम 20 प्रतिशत राशि अग्रिम भरनी होगी तभी उसकी अपील स्वीकार की जाएगी।

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