ये बनाते हैं गैरों से खून का रिश्ता
रक्तदान के लिए कर रहे युवाओं को प्रेरित...
अमृतसर (ब्युरो)। स्वार्थ की दुनिया में कुछ लोग तो अपनों को भी भूल जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो गैरों को अपना बना लेते हैं। कुछ ऐसे ही गैरों से खून का रिश्ता बना व दूसरों से बनवा रहे हैं दयानंद नगर लारेंस रोड निवासी 22 वर्षीय सुख अमृत। वह लोगों को रक्तदान करने व समाज में फैली कुरीतियों से दूर रहने की प्रेरणा देने में लगे हैं। सुख अमृत पिछले पांच वर्षों से शिक्षण संस्थानों में जाकर युवाओं को रक्तदान करने की प्रेरणा दे रहे हैं। वह अब तक करीब एक हजार यूनिट रक्त गुरु नानक देव अस्पताल के ब्लड बैंक में दान करवा चुके हैं। सुख अमृत खुद भी करीब दस बार रक्तदान कर चुके है।
उनका मानना है कि रक्तदान करने से अभी अधिकांश लोग डरते हैं पर यदि इस बारे में लोगों को जागरूक किया जाए तो रक्तदान करने वालों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। यह प्रेरणा सुख अमृत को अपने गुरु दादा श्री जी संस्थापक मैत्री बोध परिवार से मिली है। उनकी प्रेरणा से ही वह समाज की सेवा करने के लिए अहम भूमिका निभा रहे हैं। स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण के साथ-साथ बच्चों को नैतिक मूल्यों से जड़ने के लिए भी प्रेरित करते हैं। सुख अमृत की यूथ फार ग्लोबल पीस एंड ट्रांसफोरमेशन संस्था कई काम कर रही है।
प्रतिवर्ष दो हजार यूनिट रक्तदान करने का लक्ष्य : सुख अमृत बताते हैं उनका लक्ष्य है कि वह हर वर्ष करीब दो हजार लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए वह शैक्षणिक संस्थाओं व बड़े घरानों के कार्यालयों में जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। अमृतसर में काउंसलिंग सेंटर खोल रक्तदान के लिए प्रेरित करने को कक्षाएं लगाएंगे। सुख अमृत को गोधन से भी काफी लगाव है। वह खुद गोशालाओं में जाकर गोधन की सेवा-संभाल के लिए हरसंभव सहायता करते हैं।
-कमल कोहली
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