इन युवाओं ने अपनी जिद से हर बच्चे को पहुंचाया स्कूल
यह टीम अब तक 100 से अधिक बच्चों को स्कूल की राह दिखा चुकी है। इस अभियान की नींव रखने वाली नेहा मणि आर्या बताती हैं कि उनके मन में विचार तब आया जब वह अभाविप का हिस्सा थीं।
गोरखपुर (राकेश राय)। युवाओं की एक टोली ने अद्भुत जिद पाल रखी है, ऐसे बच्चों को स्कूल पहुंचाने की, जो किन्हीं वजहों से स्कूल के दर तक नहीं पहुंच पा रहे। यह टोली पहले उस गांव को चिह्नित करती है, जहां ऐसे बच्चों की तादाद ज्यादा है और फिर उन बच्चों में शिक्षा की ललक जगाकर स्कूल तक पहुंचाती है। टोली यह भी सुनिश्चित करती है कि वह बच्चे स्कूल में बने रहें। यह टीम अब तक 100 से अधिक बच्चों को स्कूल की राह दिखा चुकी है। इस अभियान की नींव रखने वाली नेहा मणि आर्या बताती हैं कि उनके मन में विचार तब आया जब वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सामाजिक अनुभूति कार्यक्रम का हिस्सा थीं। कार्यक्रम के दौरान उन्हें भटहट और पिपराइच क्षेत्र के कई गांव में अशिक्षा की विद्रुप तस्वीरें देखने को मिली।
इस बात की चर्चा जब उन्होंने अपने मित्रों के बीच की तो सबने मिलकर इस दिशा में कार्य करने की ठान ली। पहले बाकायदा कार्य योजना तैयार की गई और फिर शुरू हुआ कार्यान्वयन। निजी स्कूलों में सरकार द्वारा तय किए गए 25 प्रतिशत गरीब बच्चों के प्रवेश के नियम के तहत अब तक यह टोली दो दर्जन से अधिक गरीब बच्चों को प्रवेश दिला चुकी है।
ऐसे चल रही योजना
टीम ने पहले ऐसे गांवों का सर्वे किया जहां सर्वाधिक अशिक्षा है। सर्वे में गोरखपुर शहर के शाहपुर की मलिन बस्ती, भटहट क्षेत्र का झुंगिया गांव व जेल रोड के जंगल मातादीन गांव चिह्नित किए गए। वहां पहले अभिभावकों को तैयार किया और फिर गांव में बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार करने का सिलसिला शुरू कर दिया गय। नेहा के मुताबिक अब तक 150 से ज्यादा बच्चों को उनकी टीम स्कूल के लिए तैयार कर चुकी है जबकि 100 बच्चों का प्रवेश स्कूल में कराया जा चुका है। टीम के सदस्य आदित्य सिंह श्रीनेत बताते हैं कि झुंगिया और जंगल मातादीन में अभियान अब भी चल रहा है, जबकि शहर के रसूलपुर और सेमरा वार्ड का सर्वे पूरा कर लिया गया है। राहुल शर्मा, केशरीनंदन पांडेय, अंकित सिंह, मोना, नैना सिंह टोली के सदस्य हैं।
-गांव चिह्नित कर पढ़ने के लिए तैयार किए जा रहे बच्चे, जगाते हैं शिक्षा की ललक
-100 से अधिक बच्चों को दिखा चुके हैं स्कूल की राह, निजी स्कूलों में दिलाते हैं प्रवेश
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