ये हैं जयललिता के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें
1960 और 1970 के दशक के दौरान उन्होंने एमजी रामचंद्रन के साथ कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया।
By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 06 Dec 2016 10:44 AM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2016 11:07 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले करीब ढ़ाई महीने से बीमार चल रही जे. जयललिता ने सोमवार की देर रात चेन्नई के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली। तमिलनाडु की राजनीति में जयललिता के निधन से एक युग का अंत हो गया है। आइए जानें जयललिता के राजनीतिक जीवन से जड़ी कुछ खास बातें।
- बहुत कम लोग जानते होंगे कि जयललिता भरतनाट्यम की ट्रेंड डांसर थी। साथ ही उन्होंने वेस्टर्न क्लासिकल पियानो, क्लासिकल म्यूजिक एवं शास्त्रीय नृत्य के अन्य प्रकारों को भी सीखा था।
- जयललिता की मां संध्या स्थानीय नाटक कंपनियों और तमिल सिनेमा में एक अभिनेत्री के रूप में काम किया करती थी। बाद में उन्होंने भी अपनी मां संध्या के नक्शे कदम पर चलते हुए 15 साल की उम्र में अभिनय की दुनिया में कदम रखा और सबसे पहले तेलुगु फिल्म Chinnada Gombe से फिल्मी करियर की शुरुआत की।
- भारत की सबसे महंगी अभिनेत्रियों में से एक थी जयललिता, देखें तस्वीरें
- अपने फिल्म करियर में जयललिता ने करीब 140 फिल्मों में काम किया। इसमें सर्वाधिक तेलुग़ु व तमिल फिल्में शामिल हैं। जहां तक जयललिता के बॉलीवुड में काम करने की बात है, तो उन्होंने सन् 1968 में अभिनेता धर्मेंद्र के साथ एकमात्र हिंदी फिल्म इज्जत में काम किया था।
- जयललिता के फिल्मी करियर साल 1965 से लेकर साल 1980 तक शिखर पर था। इस दौरान जयललिता भारत की सबसे अधिक कमाई करने वाली अभिनेत्रियों में से थी। इन्होंने अपने करियर में 140 से ज्यादा फिल्में की थी, जिनमें से 120 फिल्में ब्लॉकबस्टर थीं।
- 1960 और 1970 के दशक के उन्होंने दौरान एमजी रामचंद्रन के साथ कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। दोनों ने एक साथ 25 से ज्यादा फ़िल्मों में काम किया। वो 'एमजीआर' ही थे जिन्होंने आगे चलकर जयललिता का परिचय राजनीति से कराया।
- एआईएडीएमके के संस्थापक एम.जी. रामचंद्रन ने 1980 में जयललिता को पार्टी का प्रचार सचिव नियुक्त किया था और 1984 में वह पहली बार राज्यसभा सांसद बनी थीं। अच्छी अंग्रेजी और कई भाषाओं का ज्ञान होने के कारण रामचंद्रन ने उन्हें पार्टी की ओर से राज्यसभा सदस्य बनाया था।
- रामचंद्रन की मृत्यु के बाद पार्टी दो दलों में बंट गई। एक ने जयललिता का समर्थन किया दूसरे ने रामचंद्रन की पत्नी जानकी का।1989 के चुनाव में विपक्ष की नेता के रूप में पहली निर्वाचित महिला बनीं।
- जयललिता ख़ुद को एमजीआर का राजनीतिक उत्तराधिकारी मानने लगीं। राष्ट्रपति शासन के बाद 1989 में हुए विधानसभा के चुनावों में जयललिता के गुट ने 27 सीटें जीत लीं और वे विपक्ष की नेता बनीं।
- 25 मार्च 1989 को उन पर सीएम करूणानिधि व सदन अध्यक्ष के सामने ही पार्टी के सदस्यों द्वारा नृशंस हमला किया गया। सत्ता पक्ष यानी डीएमके के सदस्यों और अन्ना द्रमुक के सदस्यों के बीच सदन में ही हाथापाई हुई
- 1991 में वे तमिलनाडु की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनीं एवं पूरे पांच वर्ष तक कार्यकाल संचालित किया।
- वे पांच बार सत्ता में रहीं। उनका कार्यकाल 5228 दिनों का रहा जो कि शीला दीक्षित के बाद किसी भी महिला मुख्यमंत्री का सर्वाधिक अवधि का कार्यकाल है।
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