रंग गोरा करने वाली क्रीम के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगे
गोरा रंग करने का दावा करनेवाली क्रीम के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने की मांग राज्यसभा में मंगलवार को उठी।
नई दिल्ली, प्रेट्र : राज्यसभा में मंगलवार को रंग गोरा करने का दावा करने वाली क्रीम के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी। कांग्रेस की सदस्य विप्लव ठाकुर ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन क्रीम का प्रचार किया जाता है, उससे महिलाओं के मन में हीनभावना पैदा होती है। विभिन्न दलों के सदस्यों ने भी उनकी बात से सहमति जताई। ठाकुर ने कहा, सौंदर्य प्रसाधनों का प्रचार करने वाली कुछ कंपनियां दावा करती हैं कि इन क्रीमों के इस्तेमाल से काला रंग गोरा हो जाएगा।
यह दावा वास्तव में न केवल रंगभेद को बढ़ावा देता है, बल्कि इससे महिलाओं में हीनभावना भी पैदा होती है। एक अहम बात यह भी है कि ये क्रीम काफी महंगी होती हैं। ऐसे विज्ञापन बंद होने और इन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। आज प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। सामने वाले से आगे निकलने की आकांक्षा होना स्वाभाविक है। उन्होंने सवाल किया कि जो भी चीज बेची जाती है उसका पहले प्रयोग होना चाहिए।
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क्या गोरेपन का दावा करने वाली एजेंसियां इन क्रीम का प्रयोग करती हैं? जब वे ऐसा नहीं करतीं तो फिर किस आधार पर यह दावा करती हैं कि क्रीम से रंग गोरा हो जाएगा? कांग्रेस सदस्य ने कहा कि विज्ञापन एजेंसियां उत्पाद बेंचे, लेकिन झूठी उम्मीद न बेचें और झूठा वादा न करें क्योंकि यह उन महिलाओं के साथ धोखा होगा, जिनका रंग गोरा नहीं है। उन्होंने ऐसी विज्ञापन एजेंसियों पर भी रोक लगाने की मांग की।
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