सावन के दो फाड़, सूखा कहीं बाढ़
मानसून सक्रिय होने के बाद से सावन की झड़ी पूरे उत्तर भारत में लगी, लेकिन कुछ ऐसे भी क्षेत्र रहे जहां पानी का 'अकाल' रहा। पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश ने लगभग सभी राज्यों को तर किया लेकिन झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बादल दगा दे गए।
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। मानसून सक्रिय होने के बाद से सावन की झड़ी पूरे उत्तार भारत में लगी, लेकिन कुछ ऐसे भी क्षेत्र रहे जहां पानी का 'अकाल' रहा। पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश ने लगभग सभी राज्यों को तर किया लेकिन झारखंड, बिहार और उत्तार प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बादल दगा दे गए। एक ओर जहां उप्र की अधिकांश नदियां खतरे के निशान पर पहुंच गई हैं और दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं, वहीं झारखंड और बिहार के कई जिलों में सूखे की स्थिति बन रही है। इस बीच गुरुवार को भी उत्ताराखंड में केदारनाथ यात्रा थमी रही, जबकि बदरीनाथ, गंगोत्री, हेमकुंड पर पैदल श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी बारिश हुई, लेकिन राजधानी दिल्ली की उम्मीदों पर एक बार फिर बादल ही छाए रहे।
पहाड़ों पर खराब मौसम के चलते चारधाम यात्रा में बार-बार विघ्न पड़ रहा है। जोशीमठ व गोविंदघाट के बीच बदरीनाथ हाइवे दोपहर में भूस्खलन के बाद बंद हो गया। मार्ग के शुक्रवार तक खुलने की उम्मीद है। गुरुवार को 160 यात्री बदरीनाथ, 90 यात्री हेमकुंड के लिए रवाना हुए। भूस्खलन के कारण गंगोत्री व यमुनोत्री हाइवे सुबह करीब दो घंटे बंद रहने के बाद खोल दिया गया। गंगोत्री में 250 तो यमुनोत्री में 64 यात्री पहुंचे। कुमाऊं में कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग नौवें दिन भी नहीं खुल सका। राजधानी दिल्ली में गुरुवार को बादल छाए रहे और तापमान में कुछ गिरावट आई लेकिन आद्रता 88 प्रतिशत पहुंचने से उमस बरकरार रही और लोग पसीने में भीगे रहे।