चीन ने ब्रह्मपुत्र पर तीन और परियोजनाओं को दी मंजूरी
ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने बह्मापुत्र नदी पर तीन और जल विद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी है। हालांकि विस्तृत आंकड़ों के अभाव में इसके प्रभाव का आंकलन नहीं किया जा सकता है।
नई दिल्ली। ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने बह्मापुत्र नदी पर तीन और जल विद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी है। हालांकि विस्तृत आंकड़ों के अभाव में इसके प्रभाव का आंकलन नहीं किया जा सकता है। लोकसभा में गुरुवार को एक लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने बताया कि भारत सरकार चीन की तरफ जांग्मू में यारलुंग त्संग्पो, ब्रह्मापुत्र नदी पर निर्माण गतिविधियों से अवगत है। उन्होंने कहा कि हाल ही में जारी 'चीनी जनवादी गणराज्य के राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास की 12वीं पांच वर्षीय योजना' से संकेत मिलता है कि तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र में ब्रह्मापुत्र पर तीन और जल विद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में विस्तृत आंकड़ा उपलब्ध नहीं है जिससे इसके संभावित प्रभाव का आंकलन किया जा सके।
चीन की सीमा पर चार रेल लाइनों का प्रस्ताव
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने चीन की सीमा के समीप 1,352 किमी लंबी चार सामरिक रेल लाइनों के निर्माण के प्रस्ताव की पहल की है। राज्यसभा में रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने भारत-चीन सीमा पर चार सामरिक लाइनों मिसामारी-तेंगा-तवांग (378 किमी), बिलासपुर-मनाली-लेह (498 किमी), पासीघाट-तेजू-रुपाई (227 किमी) और उत्तरी लखीमपुर-बमे-सीलपाथर (249 किमी) की पहचान की है। उन्होंने बताया कि हालांकि इन प्रस्तावों में किसी को भी मंजूरी नहीं मिली है। सिन्हा ने कहा कि् अंतिम सर्वे होने तक इसके निर्माण के पूरा होने के समय और लागत को निर्धारित नहीं किया जा सकता है क्योंकि ये सभी परियोजनाएं हिमालय के दुर्गम इलाकों से होकर गुजरेंगी।