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'मन की बात' में पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन पर जताई चिंता

रेडियो पर प्रसारित होने वाले अपने कार्यक्रम 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने सबसे ज्यादा तवज्जो जलवायु परिवर्तन के खतरे को दी। उन्होंने कहा, 'जलवायु परिवर्तन का प्रभाव किस तरह बढ़ रहा है, यह अब हम अनुभव कर रहे हैं। पिछले दिनों बिना मौसम के हुई अति वर्षा से

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2015 09:52 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 03:01 AM (IST)
'मन की बात' में पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन पर जताई चिंता

नई दिल्ली। रेडियो पर प्रसारित होने वाले अपने कार्यक्रम 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे ज्यादा तवज्जो जलवायु परिवर्तन के खतरे को दी। उन्होंने कहा, 'जलवायु परिवर्तन का प्रभाव किस तरह बढ़ रहा है, यह अब हम अनुभव कर रहे हैं। पिछले दिनों बिना मौसम के हुई अति वर्षा से खास कर तमिलनाडु में भारी नुकसान हुआ है और कई लोगों की जानें गई हैं। जब चारों ओर यह संकट दिखाई दे रहा है, तो हमें कई बदलाव लाने की जरूरत होती है। सरकार के साथ ही नागरिकों को भी इसमें लगना होगा। पीएम मोदी सोमवार को जलवायु सम्मेलन में इस मुद्दे पर अपने विचार भी रखेंगे।

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उन्होंने बताया कि पंजाब के लखविंदर सिंह ने उन्हें फोन कर खेतों में पराली जलाए जाने की समस्या का समाधान जानना चाहा है। उसने पूछा है कि जो लोग पराली (खेतों में फसल का बचा रह गया हिस्सा) को जलाते हैं उनको कैसे गाइड किया जाए। क्योंकि इससे धरती के सूक्ष्म जीवाणु नष्ट हो रहे हैं और साथ ही प्रदूषण हो रहा है।

पढ़ेंः जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस पहुंचे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि पराली को जलाने की आदत पूरे हिंदुस्तान में है। पहले लोगों को अंदाजा नहीं था कि इससे कितना नुकसान होता है। लोगों को सही प्रशिक्षण भी नहीं मिला। इस वजह से यह बढ़ता ही गया। आज यह जलवायु परिवर्तन के संकट से जुड़ गया है और शहर तक इसके प्रभाव में आने लगे हैं। उन्होंने कहा, 'किसानों को प्रशिक्षित करना होगा कि फसल के अवशेष भी बहुत कीमती होते हैं। यह एक तरह से जैविक खाद है। जानवरों के लिए भी यह बहुत उपयोगी है। दूसरी तरफ जब आप बची हुई फसल को जलाते हैं तो जमीन की ऊपरी परत भी जल जाती है। धरती माता की चमड़ी जल जाती है।'

नाम को सार्थक कर रही है 'नूरजहां'

प्रधानमंत्री ने ग्लोबल वार्मिग कम करने में कानपुर की नूरजहां के योगदान की तारीफ की। बताया कि कम पढ़ी लिखी नूरजहां ने 'सोलर लालटेन' की फैक्टरी डाली है। 500 घरों को ये लालटेन 100 रुपये महीना किराए पर दिए गए हैं। इन्हें चार्ज करने की लागत करीब 3-4 रुपये रोज है। बकौल मोदी, नूरजहां नाम को सार्थक करते हुए दुनिया को रोशन कर रही है।


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