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शीना हत्याकांड में जांच रुकवाने वाले अधिकारी की पहचान हुई

2012 में रायगढ़ पुलिस की जांच रुकवाने के मामले की जांच कर रहे पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल ने बुधवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के जांच में दखल की पुष्टि की है। उस अफसर की पहचान जाहिर न करते हुए यह बात भी सामने आई की एफआइआर दर्ज होती इससे

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2015 03:02 AM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2015 07:59 AM (IST)
शीना हत्याकांड में जांच रुकवाने वाले अधिकारी की पहचान हुई

मुंबई: 2012 में रायगढ़ पुलिस की जांच रुकवाने के मामले की जांच कर रहे पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल ने बुधवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के जांच में दखल की पुष्टि की है। उस अफसर की पहचान जाहिर न करते हुए यह बात भी सामने आई की एफआइआर दर्ज होती इससे पहले ही उसने अपने कनिष्ठ अफसर को रपट फाडऩे का फरमान दे दिया था।

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पेण पुलिस के तब अज्ञात लड़की के शव की रिपोर्ट नहीं दर्ज होने की वजह वह अफसर ही था। रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक सुवेज हक ने बताया कि तब के पेण उप मंडल अफसर संजीव चह्वïाण भी संदिग्धों में शुमार हैं। पेण में तब के सीनियर इंस्पेक्टर सुरेश मिराज, सब इंस्पेक्टर संदीप ढांडे और अब मुंबई में एडीशनल पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात राव साहेब शिंदे भी संदिग्धों में शामिल हैं।


रायगढ़ पुलिस की जांच इस मामले में जारी है। हालांकि अब वह वरिष्ठ अधिकारी अपनी भूमिका से इन्कार कर रहा है। हालांकि तबके पेण पुलिस चौकी इंचार्ज सुरेश मिराज का कहना है कि स्टेशन डायरी में इस बात का नोट भी दर्ज है कि तब सारी जांच उसी अफसर की देखरेख में हुई थी। सभी को इसी बात की आशंका है कि क्या तब के रायगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इंद्राणी मुखर्जी के संपर्क में थे। उल्लेखनीय है कि 23 मई 2012 को सुबह दस बजे रायगढ़ के जंगल में पेण पुलिस को आधा जला शव मिला था।

वकील से बीस मिनट को मिली इंद्राणी

इंद्राणी मुखर्जी की वकील गुंजन मंगला को बुधवार को बीस मिनट के लिए इंद्राणी से मिलने दिया गया। मंगला ने कहा कि पुलिस से इंद्राणी और पीटर का चेहरा एक बार देखने की अनुमति मांगी तो मना कर दिया।


इंद्राणी को अपने वकीलों से मिलने देने से लगातार इन्कार करती रही खार पुलिस ने बुधवार की सुबह अधिवक्ता गुंजन मंगला को इजाजत दे दी। कुछ महिला और पुरुष अफसरों की मौजूदगी में ही यह मुलाकात हुई। दोपहर साढ़े बारह बजे बीस मिनट के लिए पहली बार इंद्राणी को अपनी वकील से मिलने दिया गया। इंद्राणी की गिरफ्तारी के आठ दिन बाद उन्हें वकील से मिलने दिया गया। इंद्राणी को अभी भी अपने परिजनों से मिलने की इजाजत नहीं है। पुलिस ने इंद्राणी को कुछ कपड़े लेने की भी छूट दी।


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