दिल्ली में रात में खुले रहेंगे सभी स्मारक
दिल्ली में पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों को लोग रात में भी अंदर से देख सकेंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) इसके लिए पॉलिसी लाएगा। इसका मकसद पर्यटन को बढ़ावा देना है। एएसआइ चाहता है कि स्मारकों को पर्यटन से जोड़कर इनका महत्व और राजस्व बढ़ाया जाए।
नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। दिल्ली में पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों को लोग रात में भी अंदर से देख सकेंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) इसके लिए पॉलिसी लाएगा। इसका मकसद पर्यटन को बढ़ावा देना है। एएसआइ चाहता है कि स्मारकों को पर्यटन से जोड़कर इनका महत्व और राजस्व बढ़ाया जाए।
पॉलिसी तैयार करने के लिए एएसआइ ने सभी सर्कल कार्यालयों से सुझाव मांगे हैं। रात में खोले जाने वाले स्मारकों के प्रस्ताव में दिल्ली में स्थित हुमायूं का मकबरा, लालकिला व पुराना किला भी शामिल है।
ज्ञात हो कि दिल्ली में एएसआइ के तहत केवल 174 स्मारक हैं। इनमें से केवल कुतुबमीनार को ही रात को खोले जाने की इजाजत है। सूर्यास्त के बाद दो घंटे के लिए इस स्मारक के कुछ एरिया को जनता के लिए खोला जाता है। इसके लिए अलग से टिकट लगता है। बहुत से लोग रात में सुनहरी रोशनी में कुतुबमीनार को देखने पहुंचते हैं।
एएसआइ के महानिदेशक डा. राकेश तिवारी कहते हैं कि कुतुब मीनार को रात में खोले जाने का प्रयोग सफल रहा है। सुरक्षा जरूर एक मुद्दा है, मगर बहुत से अन्य स्मारकों को रात में जनता के लिए खोले जाने के लिए प्रस्ताव आ रहे हैं। अभी तक इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। लोगों की ओर से आ रहे प्रस्तावों को देखते हुए हम अब इसके लिए पॉलिसी लाएंगे। इसके लिए हमने सभी सर्कल कार्यालयों से उनके सुझाव मांगे हैं।
ज्ञात हो कि राष्ट्रमंडल खेलों के लिए दिल्ली को सजाने-संवारने के लिए जो तैयारियां शुरू हुई थीं, उनमें दिल्ली में स्थित महत्वपूर्ण स्मारकों का भी संरक्षण कराया गया था। उस दौरान फैसला लिया गया था कि खेलों के दौरान देश-विदेश के आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रमुख स्मारकों को रात में भी शाम के समय तीन घंटे के लिए खोला जाएगा। उस समय कहा गया था कि यदि प्रयोग सफल रहा तो इसे आगे के लिए जारी रखा जाएगा। इस योजना के तहत स्मारकों में प्रकाश व्यवस्था सुधारी गई थी। उस समय इस योजना को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से लाया जाना था। पर्यटन मंत्रालय ने भी 23 स्मारकों में लाइटें लगाई थीं। मगर खेलों के दौरान आतंकी हमलों की मिल रहीं धमकियों के चलते इस योजना को स्थगित कर दिया गया था। इस बार भी इस योजना में पर्यटन मंत्रालय का पूरा सहयोग रहेगा।