वायुसेना के लापता विमान खोजने का सबसे बड़ा अभियान
भारतीय वायुसेना के लापता विमान का पता लगाने के लिए बंगाल की खाड़ी में सघन खोजी अभियान शुरू किया जा रहा है।
मुंबई, आइएएनएस/रायटर। वायुसेना के लापता परिवहन विमान का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। विमान का मलबा खोजने के लिए बंगाल की खाड़ी में सघन अभियान चलाया जा रहा है। अब इस काम में इसरो को भी लगाया जाएगा।
16 जलपोतों, एक पनडुब्बी और छह विमानों के जरिये एएन-32 परिवहन विमान का खोज अभियान शनिवार को भी जारी रहा। इसे भारत का सबसे बड़ा खोज अभियान बताया जा रहा है। समुद्र में अभी लहरें उठ रही हैं और आसमान में बादल छाए हुए हैं। इसके चलते मलबा खोजने में बाधा आ रही है।
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इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने बताया कि विमान का पता लगाने के लिए अब हम रडार इमेजिंग सेटेलाइट का इस्तेमाल करने जा रहे हैं। इस उपग्रह के जरिये दिन और रात में किसी भी समय तस्वीर खींची जा सकती है। यह बादलों के पार भी देख सकता है। किसी चीज को देखने के लिए जरूरत पड़ने पर इस उपग्रह को कुछ हद तक झुकाया भी जा सकता है।
इस बीच, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर खोज अभियान की निगरानी के लिए चेन्नई पहुंच गए हैं। उन्होंने वायुसेना के विमान में बैठकर दो घंटे तक उस इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया, जहां से विमान गायब हुआ था।
उल्लेखनीय है कि वायुसेना का परिवहन विमान कल चेन्नई के तांबरम एयरबेस से उड़ान भरने के 16 मिनट बाद लापता हो गया था। सुबह 8.46 पर इसका संपर्क टूट गया था। विमान में सेना और वायुसेना के जवानों समेत 29 लोग सवार थे। इनमें चार अधिकारी भी शामिल थे।
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वायुसेना के प्रवक्ता अनुपम बनर्जी ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में पिछले दो दिनों से मानसून के चलते मौसम खराब था। विमान से किसी तरह का आपात संदेश नहीं मिला था। इसलिए क्या हुआ इसके बारे में सही-सही कुछ नहीं कहा जा सकता है।
विमान में ये भी थे सवार
वायुसेना के विमान से सफर कर रहे लोगों में भिवानी, हरियाणा की फ्लाइंग लेफ्टिनेंट दीपिका भी शामिल थीं। एक महीना पहले ही उनका तबादला नासिक से पोर्ट ब्लेयर हुआ था। इसके अलावा गाजीपुर, उत्तर प्रदेश के छेदी सिंह यादव भी विमान में सवार थे। छेदी सिंह यादव वायुसेना में हैं। विमान का कुछ अता-पता नहीं चलने से लापता लोगों के परिजन निराश होने लगे हैं।