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अंतरराष्ट्रीय फर्म करेगी रेलवे में फालतू स्टाफ का आकलन

बिबेक देबराय समिति की सिफारिशों पर अमल करते हुए रेल मंत्रालय ने रेलवे में कर्मचारियों की संख्या कम करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कंसल्टेंसी फर्म की सेवाएं ली जाएंगी, जो इस बात का अध्ययन करेगी कि रेलवे को वास्तव में कितने लोगों की

By Murari sharanEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2015 09:09 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2015 10:19 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिबेक देबराय समिति की सिफारिशों पर अमल करते हुए रेल मंत्रालय ने रेलवे में कर्मचारियों की संख्या कम करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कंसल्टेंसी फर्म की सेवाएं ली जाएंगी, जो इस बात का अध्ययन करेगी कि रेलवे को वास्तव में कितने लोगों की जरूरत है।

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रेलवे बोर्ड के सदस्य, कार्मिक प्रदीप कुमार ने बताया कि पहली बार रेलवे के लिए आवश्यक कर्मचारियों की उपयुक्त संख्या का स्वतंत्र आकलन करने के लिए बाहरी एजेंसी की सेवाएं ली जा रही हैं। इस क्रम में पहले अफसरों की जरूरत का आकलन कराया जा रहा है।

इसके लिए अंतरराष्ट्रीय फर्मो से निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं। इसमें जिन फर्मो ने रुचि दिखाई है, उनमें अन्‌र्स्ट एंड यंग, प्राइस वाटरहाउस कूपर (पीडब्ल्यूसी), डेलॉयट तथा केपीएमजी के नाम शामिल हैं। इनमें से किसी एक फर्म का चुनाव अध्ययन के लिए किया जाएगा। इसके बाद कर्मचारियों की सही संख्या का आकलन कराया जाएगा।

अनुसंधान : रेलवे संबंधी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए मुंबई यूनिवर्सिटी के साथ करार किया गया है। जबकि कानपुर, रुड़की और चेन्नई आइआइटी के साथ करार होने को है। इसके तहत यहां रेलवे अनुसंधान केंद्र खोले जाएंगे। मुंबई में रेलवे के 25 और अन्य सेवाओं के 10 लोग प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।

दिल्ली में टेरी यूनिवर्सिटी में रेलवे चेयर की स्थापना की गई है। इसके अलावा केंद्रीय व राज्यस्तरीय विश्र्वविद्यालयों तथा आइआइटी, आइआइएम और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस जैसे उत्कृष्टता केंद्रों में रेलवे संबंधी फेलोशिप प्रारंभ की गई हैं। रेल कर्मचारियों को इन केंद्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने को बढ़ावा दिया जाएगा। आइआइटी खड़गपुर में अफसरों को एमटेक की शिक्षा दिलाई जाएगी।

प्रशिक्षण : हैवी हॉल और हाईस्पीड ट्रेन सेवाओं के संचालन की बारीकियां समझने के लिए बीजिंग की ज्याओतांग यूनिवर्सिटी में रेलवे अफसरों को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। अब तक 100 अफसर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।

गुणवत्ता : अब तीसरे पक्ष से गुणवत्ता का ऑडिट कराया जाएगा और इसमें क्वालिटी काउंसिलों का सहयोग लिया जाएगा।

योग : योग अब रेलवे के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का हिस्सा होगा। सभी जोनल रेलों को इस संबंध में नीतिगत दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके लिए योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएंगी।

3000 ट्रेनों में होंगे सुरक्षा गार्ड :

आरपीएफ में 17 हजार नए जवानों की भर्ती की गई है। इससे मौजूदा 1300 ट्रेनों के बजाय 3000 ट्रेनों में सुरक्षा गार्डो की तैनाती संभव होगी। आरपीएफ मुख्यालय, रेलवे बोर्ड और आरपीएफ चौकियों के बीच सामंजस्य के लिए इनके बीच ऑनलाइन संपर्क की व्यवस्था की जा रही है।


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