दरोगा ने दिए जख्म, अखिलेश ने लगाया मरहम
एक पुलिस कर्मी की गुंडई का मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश को सख्त कार्रवाई के साथ-साथ पीडि़त की मदद के लिए भी आगे आना पड़ा। शनिवार को वीआइपी क्षेत्र हजरतगंज में जीपीओ के बाहर फुटपाथ पर दुकान लगाए गरीबों पर सचिवालय चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार
लखनऊ : एक पुलिस कर्मी की गुंडई का मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश को सख्त कार्रवाई के साथ-साथ पीडि़त की मदद के लिए भी आगे आना पड़ा। शनिवार को वीआइपी क्षेत्र हजरतगंज में जीपीओ के बाहर फुटपाथ पर दुकान लगाए गरीबों पर सचिवालय चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार कहर बनकर टूटे। किसी सनक में आकर उन्होंने पहले चाय की दुकान पर गिलास तोड़े, फिर फिल्मी अंदाज में आगे बढ़ते हुए दूध के भगोने को लात मारकर पलट दिया।
इसके बाद उन्होंने फुटपाथ पर बैठकर दूसरों के प्रार्थनापत्र टाइप करने वाले 65 वर्षीय कृष्ण कुमार अग्रवाल की दुकान पर भी लात मारी। कृष्ण कुमार ने हाथ जोड़कर थोड़ा वक्त मांगा, लेकिन वर्दी के नशे में चूर चौकी प्रभारी के कदम न थमे। टाइपराइटर को लात मारकर बीच सड़क पर ऐसा उछाला कि उसके टुकड़े हो गए।
घटना के फोटो सोशल मीडिया पर आए तो वायरल हो गए और देश-विदेश में दरोगा की गुंडई की निंदा होने लगी। इससे खुद मुख्यमंत्री हरकत में आए। पहले उन्होंने एसएसपी से जांच कराकर दरोगा को निलंबित करने को कहा, फिर डीएम को निर्देश दिए कि वह पीडि़त से मिलें।
जब इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों में से कुछ ने कृष्ण कुमार को नया टाइपराइटर देने की इच्छा जाहिर की तो मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया कि उन्हें खुद सरकार टाइपराइटर देगी, क्योंकि वह उनकी आजीविका का एक मात्र साधन था।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर आनन-फानन दो नए टाइपराइटर खरीदे और पीडि़त के घर पहुंचकर सौंपे। लेकिन कृष्ण कुमार ने इनमें से हिंदी के शब्दों वाला टाइपराइटर तो रख लिया लेकिन अंग्रेजी वाला वापस कर दिया। डीएम राजशेखर व एसएसपी राजेश पांडेय ने बुजुर्ग से दरोगा के कृत्य की माफी भी मांगी। साथ ही मुख्यमंत्री की ओर से भी ट्विटर पर घटना के लिए खेद जताया गया।