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पैन और ITR के लिए आधार अनिवार्य के फैसले पर SC में आज हुई सुनवाई

आईटीआर में आधार अनिवार्य किए जाने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

By Srishti VermaEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 09:07 AM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 03:28 PM (IST)
पैन और ITR के लिए आधार अनिवार्य के फैसले पर SC में आज हुई सुनवाई

नई दिल्ली (एजेंसी)। आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन कार्ड के साथ आधार नंबर जोड़ने और नया पैन के आवेदन के सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस मामले में अब दो मई को भी सुनवाई होगी

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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ही स्पष्ट किया कि वह अपने उस आदेश पर कायम है, जिसमें कहा गया था कि आधार स्वैच्छिक होना चाहिए। बजट और फाइनेंस एक्ट 2017 के जरिए आयकर कानून में जोडी गई धारा 139 एए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एके सीकरी तथा जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने उक्त टिप्पणी की।

आयकर कानून की धारा 139 एए आयकर रिट‌र्न्स दाखिल करने में आधार नंबर या आधार आवेदन का पंजीयन लिखना अनिवार्य बनाता है। इसके साथ ही पैन कार्ड आवेदन के लिए भी जरूरी किया गया है। यह कानून इसी साल 1 जुलाई से लागू होगी।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने दलील दी कि धारा 139 एए असंवैधानिक तथा आधार कानून से सीधा टकराव वाला है। उन्होंने कहा- 'आधार का पूरा कानून स्वैच्छिक है। यह नागरिकों के पक्ष में अधिकार पैदा करता है। यह कर्तव्य नहीं बनाता। कानून पूरी तरह स्वैच्छिक है। वे इसे आयकर कानून के तहत बाध्यकारी कैसे बना सकते हैं?'

उन्होंने यह भी कहा कि किसी व्यक्ति को आधार के लिए सहमति देने के लिए मजबूर करने का सवाल नहीं उठता है और यह एक ऐसा मसला है जो भारत गणराज्य का अपने नागरिकों से संबंध ही बदलने वाला है। हालांकि कोर्ट ने कहा- 'हमने कानून की व्याख्या उसके उद्देश्यों के अनुसार की है, जिसके लिए वह बनाया गया है।'

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेश का हवाला देते हुए दीवान ने कहा कि अक्टूबर, 2015 में पांच जजों की पीठ ने कहा था कि जब तक कि शीषर्ष अदालत का इस पर अंतिम फैसला नहीं होता, आधार कार्ड की योजना स्वैच्छिक है न कि बाध्यकारी। उनके मुताबिक कोर्ट ने अपने उस आदेश में मामले के अंतिम निपटारे के लिए ब़़डी पीठ गठित करने की जरूरत बताई थी, लेकिन अभी तक वह पीठ नहीं बनी।

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