फर्जी कॉलसेंटर में ठगी का धंधा, निशाने पर अमेरिकी नागरिक
मुंबई में कई फर्जी कॉलसेंटर जलाए जाते हैं जहां के स्टा फ अमेरिकी लहजे में बोलकर वहां के लोगों को ठगते रहे हैं।
मुंबई (जेएनएन)। गत सितंबर माह में कैलिफोर्निया निवासी एक महिला को फोन पर एक वॉयस मैसेज मिला जिसमें उसे टैक्स चोरी व धोखाधड़ी में फंसा बताया गया। मैसेज करने वाले शख्स ने खुद को इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (आइआरएस) का बताया। मैसेज से परेशान महिला ने उस नंबर पर वापस फोन कर मांगी गयी रकम का आधा हिस्सा, 500 डॉलर चुकाने की बात कही।
महिला ने कहा,’एक बार में मैं इतनी बड़ी रकम नहीं चुका सकती इसे किस्तों में दे सकती हूं।‘ शख्स ने कहा,’क्या आज आप 500 डॉलर का भुगतान कर पाएंगी?’ साथ ही उसने कहा, वकील उसके अकाउंट को देखते हुए भुगतान के लिए मासिक योजना बना देंगे लेकिन उसे अभी आधी रकम का भुगतान करना होगा।
फर्जी कॉल सेंटर्स में कार्यरत स्टाफ अमेरिकी लहजे में अंग्रेजी बोल लोगों को फंसा लेते हैं। पहले ये अमेरिकी टैक्स डिफॉल्टर नागरिकों की जानकारी लेते हैं। फिर टैक्स ऑफिसर बनकर उन्हें फोन पर डरा ठगी करते हैं। इस तरह प्रतिदिन करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपए तक की कमाई की जाती है।
मामले की छानबीन करने वाले जांचकर्ताओं ने अमेरिका में 20 लोगों को गिरफ्तार किया वहीं भारतीय अधिकारियों ने अक्टूबर में मुंबई के थाने से 75 लोगों को गिरफ्तार किया। भारतीय पुलिस ने कहा वे शैगी उर्फ सागर ठक्कर की खोज कर रहे हैं जो इस पूरी जालसाजी का मास्टरमाइंड है। ठक्कर का नाम अमेरिका की ओर से भी दिया गया। पुलिस के अनुसार वह दुबई फरार हो गया है। थाने पुलिस के डिप्टी कमिश्नर पराग मानेरे ने बताया,’हम ठक्कर के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की कोशिश कर रहे हैं।‘
उन्होंने बताया ठक्कर काफी आरामदेह जिंदगी बिताता है। महंगी-महंगी गाड़ियों के साथ वह हमेशा 5 सितारा होटल में रुकता है। 25 मिलियन रुपये की कीमत वाली ऑडी R8 उसने अपनी गर्लफ्रेंड को दिया था। ‘हमने ऑडी कार जब्त कर लिया है और ठक्कर की अन्य संपत्तियों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।‘