बिना डिपॉजिट भर्ती करने से अस्पताल का इंकार, 7 घंटे पीड़ा में रही गर्भवती महिला
थाने निवासी ने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री के पास अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी। इस अस्पताल ने बिना पैसा जमा कराए 5 माह की गर्भवती पत्नी को भर्ती करने से इंकार कर दिया।
थाने (मिड डे)। थाने निवासी हशमत पार्कर ने राज्य मुख्यमंत्री के पास मुंब्रा के काल्सेकर अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी जिसमें उन्होंने कहा है कि पहले पैसा जमा कराने की मांग करते हुए वहां के स्टाफ ने पांच माह गर्भवती उनकी पत्नी को भर्ती करने से इंकार कर दिया।
यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर यह आदेश दिया है कि अस्पतालों को गंभीर परिस्थिति में आए मरीजों का इलाज तुरंत शुरू कर देना चाहिए। लेकिन इस अस्पताल ने दर्द के हालत में मरीज को 7 घंटे तक इंतजार करने को मजबूर कर दिया।
हज कमेटी में कार्यरत पार्कर ने 26 जुलाई को देवेंद्र फडनवीस को एक चिट्ठी भेजा जिसमें उन्होंने दरख्वास्त किया कि अस्पताल के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच करावाएं।
शिकायत में लिखा है,’मुंब्रा सिटी के अस्पताल के अधिकारियों की लापरवाही व गैरजिम्मेदाराना रवैया के कारण आग्रह है कि एफआइआर दर्ज करायी जाए और मेरी पत्नी के इलाज में देरी के पीछे दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।‘
उनकी पत्नी, शाहिना हशमत पार्कर (35 वर्षीय) पांच माह की गर्भवती हैं और उस दिन उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी इसलिए सुबह के 9 बजे उन्हें अस्पताल ले जाया गया। चेक-अप के बाद डॉक्टर ने तुरंत भर्ती करने की सलाह दी। लेकिन काउंटर स्टाफ और कंसल्टेंट ने 10,000 और 20,000 रुपये जमा किए बिना भर्ती करने से मना कर दिया।
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पार्कर ने कहा,’पत्नी के साथ गयी मेरी बहन ने बार बार अस्पताल से आग्रह किया। उसने उन्हें बताया कि उस वक्त मैं खेड तालुका में था और पैसा जमा करने आने में मुझे 2-3 घंटे का वक्त लग जाएगा। लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया और मेरी गर्भवती पत्नी को 7 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।‘
अस्पताल के पीआर डिपार्टमेंट की नबिला खान ने कहा,’हम इस मामले की जांच कर रहे हैं। जब तक यह पूरी नहीं हो जाए मैं कुछ नहीं कह सकती।