पुलवामा में आतंकी हमला, पुलिसकर्मी शहीद
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकियों की संख्या तीन थी। गोलियों की आवाज सुनते ही निकटवर्ती इलाके में मौजूद पुलिस और अर्धसैनिकबलों के जवान मौके पर पहुंच गए।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा में बुधवार को हुए आतंकी हमले में एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया, जबकि नेशनल कांफ्रेंस के जिला प्रधान व पूर्व विधायक गुलाम मोहिउद्दीन मीर बाल-बाल बच गए। हमले में पूर्व विधायक का अंगरक्षक बुरी तरह से जख्मी हो गया। आतंकी घायल अंगरक्षक की राइफल भी अपने साथ ले गए हैं। फिलहाल, पुलिस, सेना और सीआरपीएफ ने मिलकर आतंकियों के खिलाफ सघन तलाशी अभियान चला रखा है। इससे पूर्व गत सोमवार को श्रीनगर में हुए आतंकी हमले में भी तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
पुलवामा मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर मंगहामा गांव में हमला शाम करीब पांच बजे हुआ। नेकां के पूर्व विधायक और गुलाम मोहिउद्दीन मीर वहां अपने एक परिचित अब्दुल रहीम डार की बेटी की शादी के सिलसिले में आयोजित समारोह में हिस्सा लेने गए थे। नेकां नेता के साथ उनका अंगरक्षक शब्बीर अहमद भी था, जबकि रियाज अहमद गनई नामक एक पुलिसकर्मी पहले से ही वहां मौजूद था।
सूत्रों ने बताया कि नेकां नेता पंडाल के भीतर थे, जबकि अंगरक्षक समेत दोनों पुलिसकर्मी नेकां नेता की वैगनर कार नंबर जेके13 बी-9600 में बैठे थे। अचानक आतंकी आए और उन्होंने सोचा कि कार में नेकां नेता हैं। उन्होंने कार पर अधंाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। पुलिसकर्मियों ने भी जवाबी फायर किया, लेकिन दोनों पुलिसकर्मी जख्मी होकर गिर पड़े और आतंकी मौका पाकर भाग निकले। इस दौरान आतंकी एक शब्बीर की सरकारी एसाल्ट राइफल भी अपने साथ ले गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकियों की संख्या तीन थी। वहीं वारदात से वहां अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे। गोलियों की आवाज सुनते ही निकटवर्ती इलाके में मौजूद पुलिस और अर्धसैनिकबलों के जवान मौके पर पहुंच गए। उन्होंने उसी समय नेकां नेता व अन्य लोगों को वहां से सुरिक्षत स्थान पर पहुंचाते हुए घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल पहुंचाया, जहां रियाज गनई ने कुछ ही देर बाद दम तोड़ दिया। एसएसपी पुलवाम रईस अहमद ने बताया कि आतंकी हमले में पुलिसकर्मी के शहीद होने की पुष्टि करते हुए कहा कि आतंकियों की धरपकड़ के लिए सघन तलाशी अभियान जारी है।
हमले के लिए पुलिस जिम्मेदार :मीर
नेकां के पूर्व विधायक गुलाम मोहिउद्दीन मीर ने आतंकी हमले के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार आतंकी हमले की आशंका जताते हुए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने हर बार टाल दिया। मुझे पर हुए हमले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
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