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जानें, मुंबई बम धमाकों से जुड़ी दस खास बातें......

12 मार्च 1993 का वो दिन। न सिर्फ मुंबई बल्कि पूरे देश के इ‍तिहास का सबसे काला दिन। ये वो दिन था जब मुंबई में एक के बाद एक हुए 13 सीरियल बलास्‍ट ने करीब 250 लोगों की जान ले ली और 700 से ज्‍यादा घायल हो गए।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 05:26 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 06:11 PM (IST)

मुंबई । साल 1993 में मुंबई में एक के बाद एक धमाकों ने देश की आर्थिक राजधानी को हिलाकर रख दिया था। इन बम धमाकों में 200 से ज्यादा लोगों की जानें गई थीं। इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ सामने आया था। हमले के मुख्य सूत्रधार के रूप में याकूब मेमन को दोषी पाया गया। धमाकों में मारे गए लोगों के परिजन आज भी इस दिन को यादकर सिहर उठते हैं। पढ़िए इस घटना से जुड़ी 10 खास बातें।

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1- 12 मार्च को पहला बम ब्लास्ट 1:30 मिनट पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के बेसमेंट में हुआ। 1:30 मिनट से 3:40 मिनट तक कुल 13 बम धमाके हुए। ये धमाके माहिम में मछुआरों की कॉलोनी में, प्लाजा सिनेमा, झवेरी बाजार, कथा बाजार, होटल सी रॉक, होटल जुहू सेंटूर, एयर इंडिया बिल्डिंग, सहार एयरपोर्ट, BSE के अलावा वर्ली और पासपोर्ट कार्यालय में हुए।

2- ऐसा माना जाता था कि ये धमाके पाकिस्तान के ISI के दिमाग की उपज थे। वहीं बाद में इन धमाकों में दाउद इब्राहम, अयूब मेमन और याकूब मेमन के जिम्मेदार होने की बात सामने आई।

3- बताया गया कि इन धमाकों को हाजी अहमद, हाजी उमर, तौफीक जलियावाला, असलम भाटी और दाउद जाट जैसे स्मगलर्स ने फाइनेंस किया था। इस पूरी घटना में इन लोगों का पैसा लगा था।

4- इसके ज्यादातर ऑपरेटर्स आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से ताल्लुक रखते थे। इन्हें भावनात्मक रूप से बाबरी मस्जिद कांड का बदला लेने के बहाने से इन धमाकों के कथित संचालन में शामिल होने के लिए मनाया गया।

5- धमाके को अंजाम देने के लिए जिस आदमी को चुना गया, उसे पहले हथियार में इस्तेमाल होने वाले बारूद बनाने की ट्रेनिंग पाकिस्तान से लेने को कहा गया।

6- ज्यादातर बम कार और स्कूटर्स में प्लांट किए गए थे। होटलों में सूटकेस बम को कमरों में छोड़ दिया गया।

7- सुप्रीम कोर्ट की ओर से बाद में पुलिस, सीमा शुल्क और तटीय गार्ड की ओर से बरती गई समझी-बूझी ढिलाई और उनकी मिलीभगत को भी इन धमाकों के लिए दोषी ठहराया गया।

8- बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त को भी धमाकों में इस्तेमाल होने वाले गैरकानूनी हथियारों को अपने पास रखने और सबूतों को मिटाने को लेकर आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें किसी तरह से धमाके की पूरी प्लानिंग से दूर रहने को आधार मानकर क्लीन चिट दे दी गई।

9- 1993 में उस समय शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उन्होंने जानबूझ झूठे बयान देने की बात को स्वीकार कर लिया।

10- इस पूरे मामले में करीब 100 लोगों को दोषी ठहराया गया। इनमें से दाऊद इब्राहम, टाइगर मेमन और अयूब मेमन अभी भी फरार हैं। इस घटना के तुरंत बाद मुंबई के अंडरग्राउंड गैंग के दो हिस्से हो गए। D कंपनी गैंग के हिंदू सदस्य छोटा राजन और साधू शेट्टी ने दाऊद का गैंग छोड़ दिया।

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