स्वामी पद्मनाभ मंदिर के खजाने से हो रही चोरी
केरल में तिरुअनंतपुरम का स्वामी पद्मनाभ मंदिर एक बार फिर चर्चा में है। अब ऐसी आशंका जताई जा रही है कि स्वामी पद्मनाभ मंदिर के खजाने से चोरी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में न्यायमित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम ने ऐसी आशंका जताई है कि मंदिर से थोड़े-थोड़े आभूषणों को चुराया जा रहा है।
तिरुअनंतपुरम। केरल में तिरुअनंतपुरम का स्वामी पद्मनाभ मंदिर एक बार फिर चर्चा में है। अब ऐसी आशंका जताई जा रही है कि स्वामी पद्मनाभ मंदिर के खजाने से चोरी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में न्यायमित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम ने ऐसी आशंका जताई है कि मंदिर से थोड़े-थोड़े आभूषणों को चुराया जा रहा है। उन्होंने खजाने का निष्पक्ष आडिट कराने का सुझाव दिया है। तीन साल पहले यहां मौजूद खजाने की कीमत एक लाख करोड़ से ज्यादा आंकी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट को खजाने की निगरानी के लिए नियुक्त न्याय मित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम ने 35 दिन की पड़ताल के बाद 500 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि सोने और चांदी की बड़ी खोज हैरान करने वाली थी, साथ ही ये कुप्रबंधन का भी एक बड़ा नमूना है। यहां सोने की परत चढ़ाने की मशीन मिलना भी संदेहास्पद परिस्थितियां पैदा करती है। इससे इस बात की शंका होती है कि मंदिर प्रबंधन में ऊंचे पदों पर बैठे लोग गलत तरीके से सोना निकाल रहे हैं। यही नहीं कहीं कोई समस्या न हो इसके लिए कर्मचारियों के विरोध को रोकने का तरीका भी भयावह है।
असली की जगह नकलीऐसी शंका जताई जा रही है कि बड़ी मात्रा में मंदिर से असली सोने के आभूषणों की जगह नकली आभूषणों को रखा गया है। आखिर इस मंदिर में सोने की परत चढ़ाने वाली मशीन का क्या काम, आखिर ये पता कैसे लगेगा कि उस सोने की परत चढ़ाने वाली मशीन से क्या काम लिया गया। उसका इस्तेमाल क्या हुआ। सवाल ये भी है कि क्या सच में मंदिर में असली सोने की जगह नकली सोने के गहनों को रखा गया। तो उसे रखा किसने, असली गहने कहां गए।
गहरी साजिश की आशंकान्याय मित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम ने मंदिर के प्रबंधन में अव्यवस्था को गहरी साजिश करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट से उनके खातों की जांच पूर्व कैग विनोद राय से कराने की सिफारिश की है। हैरानी की बात ये है कि अपनी रिपोर्ट में सुब्रह्मण्यम ने मंदिर में मिले दो और चेंबर या वॉल्ट मिलने का जिक्र किया है। इसे उन्होंने जी और एच का नाम दिया है। उन्होंने इन दोनों चेंबर्स को भी खोलने की गुजारिश की है। बताते चलें कि मंदिर में अब तक पांच चैंबर ही खोले गए हैं। छठा चैंबर जिसे बी चेंबर के नाम से जाना जाता है, अभी तक खोला नहीं जा सका है।
हस्तक्षेप से रोकें राज परिवार कोस्थानीय लोगों और त्रावणकोर के राज परिवार ने चैंबर बी को खोले जाने पर अनहोनी होने की आशंका जताई थी। लेकिन अब न्याय मित्र की ये रिपोर्ट कई बढ़ी गड़बड़ियों की ओर इशारा कर रही है। उन्होंने राज परिवार पर मंदिर के दैनिक कार्य में हस्तक्षेप करने पर रोक लगाने की मांग भी की है।