जीएसटी से लागत घटने पर उपभोक्ताओं को लाभ दें टेलीकॉम कंपनियां
वित्त मंत्रालय ने कहा, जीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकेंगी दूरसंचार कंपनियां..
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने दूरसंचार कंपनियों को एक जुलाई से जीएसटी लागू होने पर उनकी लागत को पुन: तय कर कॉल दरें घटाकर ग्राहकों को फायदा पहुंचाने को कहा है। वस्तु एवं सेवा कर लागू होने पर दूरसंचार सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। हालांकि दूरसंचार कंपनियां इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकेंगी जिससे उन पर जीएसटी की प्रभावी दर कम हो जाएगी। इससे उनकी लागत कम हो जाएगी और वे इसका लाभ उपभोक्ताओं को दे सकेंगी।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनियों को अपनी लागत और टैक्स क्रेडिट की गणना दुबारा करनी होगी। इससे उन्हें टैक्स क्रेडिट के जरिए जो लाभ मिलेगा वह उपभोक्ता को पास करना होगा।
गौरतलब है कि फिलहाल दूरसंचार सेवाओं पर 14 प्रतिशत सेवा कर लगता है। इसके अलावा 0.5 प्रतिशत स्वच्छ भारत सैस और 0.5 प्रतिशत कृषि कल्याण सैस भी लगता है। हालांकि इससे अलग जीएसटी काउंसिल ने अब दूरसंचार सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया है। ऐसे में सामान्य धारणा यह है कि इससे दूरसंचार सेवाएं जैसे मोबाइल पर बात करना महंगा हो जाएगा लेकिन हकीकत यह है कि जीएसटी लागू होने पर कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकेंगी जिससे उनकी लागत घट जाएगी।
इसका मतलब यह है कि अगर दूरसंचार कंपनी अपनी सेवाएं देने के लिए जितने भी प्रकार का इनपुट ले रही हैं, उन पर जो टैक्स उन्होंने चुकाया है, उसका क्रेडिट उन्हें जीएसटी के भुगतान में मिल सकेगा। पहले यह संभव नहीं था। फिलहाल मोबाइल कंपनियों को वैट या आयातित सामान पर विशेष अतिरिक्त शुल्क के ऐवज में इनपुट क्रेडिट नहीं मिलता है। हालांकि जीएसटी लागू होने पर उन्हें घरेलू और आयातित दोनों प्रकार की वस्तुओं पर टैक्स का क्रेडिट मिलेगा। मंत्रालय का कहना है कि दूरसंचार उद्योग को उसके टर्नओवर के दो प्रतिशत के बराबर इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल सकता है।
फिलहाल दूरसंचार कंपनियों को 2016 में स्पेक्ट्रम की खरीद पर चुकाए गए सेवा कर के ऐवज में तीन साल के लिए इनपुट क्रेडिट प्राप्त है। हालांकि जीएसटी लागू होने पर यह पूरा के्रडिट एक साल में ही लिया जा सकता है। इस तरह चालू वित्त वर्ष में ही दूरसंचार कपंनियों को इसका बकाया दो-तिमाही इनपुट क्रेडिट उपलब्ध होगा। इस तरह इन सब उपायों से दूरसंचार कंपनियों को पिछले साल की तुलना मंे 87 प्रतिशत कम टैक्स नकदी में चुकाना पड़ेगा। वे अपने इनपुट टैक्स क्रेडिट का इस्तेमाल जीएसटी के भुगतान के लिए कर सकेंगी।
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