भारत का शक्ति प्रदर्शन, राजपथ पर आज दिखेगा तेजस का तेज और सैन्य पराक्रम
इस बार मुख्य अतिथि संयुक्त अरब अमीरात के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद की मौजूदगी में राजपथ पर तीनों सेनाओं के पराक्रम के साथ विशिष्ट सैन्य हथियारों और विमानों की झलक परेड का अहम हिस्सा होगी।
संजय मिश्र, नई दिल्ली । राजपथ पर खुले आकाश में संस्कृति की अद्भूत छटाओं के साथ देश के लोग पहली बार दुश्मन पर तेजी से प्रहार करने में सक्षम हल्के स्वदेशी विमान 'तेजस' के तेज से रुबरू होंगे। दुश्मन के विमान की हवा में ही आहट पकड़ लेने वाले चेतावनी यंत्र और रडार से लेकर आकाश से फूल बरसाते रूद्र हेलीकाप्टर 68वें गणतंत्र दिवस परेड पर देश के सैन्य पराक्रम की झलक पेश करेंगे। पहली बार एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो भी परेड का हिस्सा होंगे।
इस बार मुख्य अतिथि संयुक्त अरब अमीरात के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद की मौजूदगी में राजपथ पर तीनों सेनाओं के पराक्रम के साथ विशिष्ट सैन्य हथियारों और विमानों की झलक परेड का अहम हिस्सा होगी। इसमें जाहिर तौर पर तेजस विमान पर सबकी खास निगाहें होगी।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर तिरंगे के रंग में रंगी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत
एचएएल ने डीआरडीओ के साथ मिलकर स्वदेश में ही इस हल्के लड़ाकू विमान का निर्माण किया है जो भारतीय वायुसेना का हिस्सा होगा। देश में ही हथियारों और सैन्य उपकरणों को बनाने की डीआरडीओ की क्षमता को दर्शाने के लिए इसकी झांकी में एयरबोर्न अरली वार्निग एंड कंट्रोल सिस्टम के साथ आर्टिलरी गन सिस्टम के साथ स्वदेश निर्मित रडार 'अरुधरा' से भी पहली बार देश की जनता परेड के दौरान रूबरू होगी।
अर्ली वानिंग एंड कंट्रोल सिस्टम भारतीय वायुसेना की आकाश में आंख की भूमिका निभाएगी। इससे समय रहते दुश्मन के विमान की टोह लेकर उसे लक्ष्य पर आने से पहले ही ध्वस्त किया जाने में मदद मिलेगी। इस अति आधुनिक सैन्य क्षमता के बूते भारत ऐसी क्षमता हासिल करने वाले शीर्ष पांच देशों की कतार में शामिल हो जाएगा। एडवांस अर्टिलरी गन सिस्टम की मारक रेंज 47 किलोमीटर है जिसमें अति आधुनिक तकनीक लगे हैं। जबकि अरुधरा रडार 400 किलोमीटर के दायरे को 30 किमी की उंचाई को कवर करने में सक्षम है और यह रडार विपरीत मौसम में भी काम करने में कारगर है।
सैन्य ताकत के प्रदर्शन के दौरान राजपथ पर परेड का खास आकर्षण सेना का मोटरसाइकिल करतब होगा। तीनों सेनाओं की टुकड़ी के साथ अर्द्धसैनिक बलों, एनसीसी के कैडेट भी परेड में राष्ट्रपति प्रणब मुखिर्जी को सलामी देंगे। पहली बार परेड में एनएसजी के दस्ते भी अपने खास अंदाज में दिखेंगे। वहीं संयुक्त अरब अमीरात की तीनों सेनाओं का एक संयुक्त दल भी राजपथ पर भारत के गणतंत्र दिवस परेड का ऐतिहासिक हिस्सा बनेगा।
यूएई के इस सैन्य दस्ते में 144 जवान और अधिकारी होंगे। फ्रांस के बाद गणतंत्र दिवस में हिस्सा लेने वाला यूएई दूसरा देश है। परेड का हिस्सा खत्म होने के बाद राजपथ पर देश के तमाम राज्यों की झांकियों के सहारे हमारी संस्कृति और प्रगति की छटाओं का प्रदर्शन होगा। राजपथ पर इस दौरान कुल 23 झांकियां गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा होंगी।