चाय बागान बंद होने से सेक्स वर्कर बनने को मजबूर लड़कियां
उत्तर बंगाल में पिछले कुछ महीनों के दौरान दर्जनों चाय बागानों के बंद होने से इसमें काम करने वाले लोगों के घरों में मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा है।
जागरण ब्यूरो, कोलकाता । उत्तर बंगाल में पिछले कुछ महीनों के दौरान दर्जनों चाय बागानों के बंद होने से इसमें काम करने वाले लोगों के घरों में मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनकी त्रासदी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब उनके घर की 16 से 18 साल की लड़कियों को परिवार के भरण-पोषण के लिए सेक्स वर्कर का काम करना पड़ रहा है। डंकन समूह के बीरपाड़ा टी एस्टेट के बंद हो जाने से अब इस इलाके में सेक्स वर्कर से मेलजोल करते ग्राहक आसानी से देखे जा सकते हैं।
राज्य सरकार भले इनकी मदद के लिए दो रुपये किलो चावल उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, लेकिन इनकी जरूरतों के सामने यह कहां टिकता है? नाम ना छापने की शर्त पर इस पेशे से हाल में जुड़ी एक लड़की ने बताया कि कब तक हम सरकार की कृपा के मोहताज रहेंगे। हमें सिर्फ चावल ही नहीं जीने के लिए कई चीजें चाहिए। हाल ही में सेक्स वर्कर बनी इन लड़कियों को अक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 स्थित ढाबों पर देखा जाता है। इन लड़कियों का कहना है कि उनके ग्राहक अधिकांश ट्रक ड्राइवर ही होते हैं।