अनाम राहगीर के नाम प्रेम और पीड़ा भरी पाती
जरा याद करो जनाब, तब तुम भी तो वहीं थे...। मैं वही हूं, तुम्हारे अपने मोहल्ले में मौजूद, गंदगी से भरी खुली गटर, जिसके करीब से होकर, बमुश्किल बच कर तुम हर दिन गुजरते हो।
By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 12:33 PM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 09:26 AM (IST)
प्यारे राहगीर,
मुझे भूले तो नहीं? याद है, तुम अकेले जा रहे थे और लगभग मुझसे गले मिलने ही वाले थे।
तुम्हारी सांस अटक गई थी और फिर धीरे-धीरे खिसक गए।
वहां से गुजरते हुए, तुमने मुझ पर चिप्स का एक खाली पैकेट फेंका था। यह पैकेट फेंकने से पहले आस-पास नजर दौड़ाई थी कि तुम्हें कहीं से कोई देख तो नहीं रहा है। हालांकि मुझे लगता है कि तुमने यह ध्यान नहीं दिया कि मैंने तुम्हें देख लिया था। तुमने सोचा, कहीं ऐसा करते हुए तुम पकड़े तो नहीं जाओगे, लेकिन मैंने तुम्हें पकड़ लिया था?
एक बात और। कहीं तुम भूले तो नहीं, पिछले दिनों पड़ोस की पिंकी मेरी गली से होकर गुजरी थी? उसका ध्यान कहीं और था। फिर अचानक, सीधे आकर लगभग मुझमें समा गई। बड़ी फजीहत हुई, तकलीफ भी हुई। आस-पास के लोग हंसे, मुस्कुराए सो अलग। कुछ लोगों ने लानत भेजी तो कुछ ने उसे चश्मा चढ़ाने की नसीहत दे डाली। याद है वो भीड़, जो मेरे और पिंकी के चारों ओर जुट गई थी? पिंकी की पीड़ा और शर्मिंदगी का अहसास है तुम्हें?
जरा याद करो जनाब, तब तुम भी तो वहीं थे...। मैं वही हूं, तुम्हारे अपने मोहल्ले में मौजूद, गंदगी से भरी खुली गटर, जिसके करीब से होकर, बमुश्किल बच कर तुम हर दिन गुजरते हो।
तुम्हारा ध्यान नहीं था, लेकिन मैंने खुद को कितना बड़ा दोषी माना था। जब बाहर पिंकी को बाहर निकाला गया, तो उसके शरीर से बदबू आ रही थी, लेकिन वह कुछ नहीं कर सकती थी।
प्यारे राहगीर, तुम्हें मेरी गहराई और मेरे भीतर के हालात का अंदाजा नहीं है। जो मेरे भीतर अच्छी तरह झांकेगा, वही समझ पाएगा। तुम्हारी प्यारी पड़ोसन तो बच गई, लेकिन अगली बार कोई मुझमें पूरी तरह समा जाए, इससे पहले जाग जाओ। जितना जल्दी हो सके, मेरा चेहरा ढंक दो। मेरा चैप्टर क्लोज करो वर्ना कभी भी कोई भी अंदर हो जाएगा। सच कहूं तो जान जाने का भी खतरा है। बुजुर्गों, बच्चों बारे में भी सोचो। जरूर सोचो।
एक जरूरी बात। बारिश का मौसम आने से पहले मेरा इंतजाम कर दो वर्ना पूरे मोहल्ले में मेरी मौजूदगी का अहसास होगा। बहुत बदबू आएगी यार। संभल जाओ। कुछ भी बुरा हो उससे पहले जागो, आगे बढ़ो, मुझे ध्यान से देखो और कुछ करो।
तुम्हारी अपनी,
खुली गटर,
बिना ढक्कन, उसी पते पर, किसी और के इंतजार में
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