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मोदी के दौरे की जमीन तैयार करने नेपाल जाएंगी सुषमा

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत के करीबी पड़ोसी नेपाल के साथ सहयोग संवाद को गति देने के लिए 25 से 27 जुलाई तक काठमांडू में रहेंगी। पद संभालने के बाद अपनी इस दूसरी द्विपक्षीय यात्रा में विदेश मंत्री करीब ढाई दशक से ठिठकी संयुक्त आयोग बैठक का सिलसिला भी आगे बढ़ाएंगी। स्वराज के इस दौरे को अगले कुछ माह में होने

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 10:20 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jul 2014 07:24 AM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत के करीबी पड़ोसी नेपाल के साथ सहयोग संवाद को गति देने के लिए 25 से 27 जुलाई तक काठमांडू में रहेंगी। पद संभालने के बाद अपनी इस दूसरी द्विपक्षीय यात्रा में विदेश मंत्री करीब ढाई दशक से ठिठकी संयुक्त आयोग बैठक का सिलसिला भी आगे बढ़ाएंगी। स्वराज के इस दौरे को अगले कुछ माह में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा की भूमिका तैयार करने वाला माना जा रहा है।

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विदेश मंत्रालय के मुताबिक स्वराज अपनी नेपाल यात्रा में संयुक्त आयोग की 23 साल से न हो सकी बैठक का सिलसिला आगे बढ़ाएंगी। इस बैठक के लिए उनके साथ रेल, सड़क, मानव संसाधन, वाणिज्य समेत कई मंत्रालयों के प्रतिनिधि भी जा रहे हैं। मंत्रालय प्रवक्ता के मुताबिक संयुक्त आयोग की बैठक के स्वरूप में बदलाव करते हुए 26 जुलाई को होने वाली बैठक पांच विषय समूहों में होगी। इसमें राजनीतिक, आर्थिक सहयोग व ढांचागत विकास, व्यापार एवं परिवहन, ऊर्जा व संसाधन विकास और संस्कृति व मीडिया जैसे विषय शामिल हैं।

विदेश मंत्री बनने के ठीक दो माह बाद काठमांडू जा रहीं स्वराज नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव और प्रधानमंत्री सुशील कोइराला के अलावा विभिन्न राजनीतिक नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। भारतीय खेमा विदेश मंत्री की माओवादी नेता प्रचंड के साथ मुलाकात की संभावना को भी नकार नहीं रहा। इस बारे में पूछे जाने पर मंत्रालय प्रवक्ता ने इतना ही कहा कि अगल ऐसी मुलाकात होती है तो इसमें कुछ विचित्र नहीं है। हम नेपाल जैसे करीबी पड़ोसी मुल्क के विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ संपर्क व संवाद रखते हैं। पहले भी भारतीय विदेश मंत्री नेपाल दौरे में विभिन्न नेताओं से मिलते रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री के नेपाल दौरे से पहले भारत की ओर से सौंपे गए ऊर्जा सहयोग प्रस्ताव को लेकर नेपाल में काफी हंगामा है। इस बाबत उठे सवालों पर हालांकि भारतीय अधिकारियों का कहना था कि भारत आपसी सहमति के आधार पर ही आगे बढ़ेगा। नेपाल में जल संसाधन और पनबिजली परियोजनाओं के लिए सौंपे गए प्रस्ताव को सियासी तूल देकर उछाला जा रहा है।

नेपाल के 47 प्रोजेक्ट में भारत का निवेश है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार का आंकड़ा 4.7 अरब डॉलर है। भारत की मदद से नेपाल में एक ट्रामा सेंटर बन रहा है जिसमें 200 बेड का अस्पताल भी शामिल है।

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