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एशियाई-अफ्रीकी सम्मेलन के लिए इंडोनेशिया पहुंची सुषमा

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंगलवार को पांच दिवसीय दौरे पर इंडोनेशिया पहुंच गई हैं। वह 1955 के ऐतिहासिक एशियाई-अफ्रीकी सम्मेलन के 60वें स्मृति समारोह में भाग लेंगी। यह सम्मेलन शीत युद्ध के दौरान गुटनिरपेक्ष आंदोलन को खड़ा करने में मील का पत्थर साबित हुआ था।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2015 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2015 12:05 AM (IST)
एशियाई-अफ्रीकी सम्मेलन के लिए इंडोनेशिया पहुंची सुषमा

जकार्ता। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंगलवार को पांच दिवसीय दौरे पर इंडोनेशिया पहुंच गई हैं। वह 1955 के ऐतिहासिक एशियाई-अफ्रीकी सम्मेलन के 60वें स्मृति समारोह में भाग लेंगी। यह सम्मेलन शीत युद्ध के दौरान गुटनिरपेक्ष आंदोलन को खड़ा करने में मील का पत्थर साबित हुआ था।

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स्वराज नई एशियाई-अफ्रीकी सामरिक भागीदारी की 10वीं वर्षगांठ के उत्सव में भी शिरकत करेंगी। उनके साथ सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मंत्रालय के कई वरिष्ठ राजनयिक गए हैं। इस सम्मेलन के तहत जकार्ता और बांडुंग में अहम चर्चाएं होंगी।

1955 का सम्मेलन इंडोनेशिया की स्वतंत्रता के नायक सुकर्णो की अगुआई में हुआ था। इसने मिस्र के जमाल अब्देल नासिर और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जैसे वैश्विक दिग्गजों को प्रेरित किया था। नेहरू के प्रसिद्ध पंचशील सिद्धांत को अंतरराष्ट्रीय शांति और सहयोग के घोषणापत्र में वर्णित 10 सिद्धांतों में शामिल किया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र का हवाला देते हुए इस स्मृति समारोह में शिरकत कर पाने में अपनी असमर्थता जाहिर की थी। उम्मीद है कि इस समारोह में चीन, जापान और दक्षिण अफ्रीका जैसे बड़े एशियाई और अफ्रीकी देशों के प्रमुख शामिल होंगे।

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