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छापा मामले में साक्ष्य के बिना सुनवाई नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट

2013-14 में आयकर विभाग और सीबीआइ ने दो बड़े औद्योगिक घरानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कथित तौर पर बड़ी संख्या में रुपये बरामद हुए और कई अन्य दस्तावेज मिले।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 14 Dec 2016 07:45 PM (IST)Updated: Wed, 14 Dec 2016 09:00 PM (IST)

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने 2013-14 के छापेमारी मामले में ठोस साक्ष्य के बिना एक गैरसरकारी संगठन द्वारा दायर याचिका पर ठोस साक्ष्यों के बिना सुनवाई करने से इन्कार कर दिया है। अदालत ने बुधवार को 'कॉमन कॉज' के वकील प्रशांत भूषण को दो दिन का समय देते हुए कहा कि वे ठोस दस्तावेज के साथ आएं, तभी मामले पर आगे सुनवाई हो सकेगी।

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2013-14 में आयकर विभाग और सीबीआइ ने दो बड़े औद्योगिक घरानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कथित तौर पर बड़ी संख्या में रुपये बरामद हुए और कई अन्य दस्तावेज मिले। 'कॉमन कॉज' ने इस मामले की एसआइटी से जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसका कहना है कि मुंबई में की गई छापेमारी में कई ऐसे दस्तावेज बरामद हुए, जिनसे मंत्रियों और अन्य अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने का पता चलता है। इन लोगों को कई सालों तक रिश्वत दिया गया।

इस पर जस्टिस जेएस खेहर और अरुण मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि 25 नवंबर को पिछली सुनवाई में हमने इस सिलसिले में दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा था। लेकिन तारीख निश्चित किए जाने के बावजूद हमें कोई साक्ष्य नहीं मिला है।

खंडपीठ ने कहा कि हम मामले को लंबित नहीं रखना चाहते और याचिकाकर्ता को 16 दिसंबर तक दस्तावेज सौंपना होगा। प्रशांत भूषण ने जब इतना कम समय दिए जाने पर सवाल उठाया, तो पीठ ने कहा कि आप बहुत बड़े अधिकारी के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं। आप ठोस साक्ष्य लेकर आइए, हमें कोई परेशानी नहीं है। हमारे रुख में कुछ भी अतार्किक नहीं है। आप सिर्फ आरोप लगा रहे हैं।

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