वाट्सएप पर दुष्कर्म के वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट सख्त,सीबीआइ जांच के आदेश
सामूहिक दुष्कर्म के वाट्सएप पर जारी वीडियो के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेते हुए सीबीआइ जांच के आदेश दिए हैं।
नई दिल्ली । सामूहिक दुष्कर्म के वाट्सएप पर जारी वीडियो के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेते हुए सीबीआइ जांच के आदेश दिए हैं। शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने घटना को परेशान करने वाली और जघन्य बताते हुए सीबीआइ को तत्काल मामला दर्ज कर अपराधियों को पकड़ने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
कोर्ट ने ये आदेश घटना के बारे में एक स्वयंसेवी संस्था की ओर से भेजे गए पत्र और वीडियो की पेन ड्राइव पर संज्ञान लेते हुए जारी किए। मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।
सामाजिक न्यायपीठ के न्यायमूर्ति मदन बी लोकुल व यूयू ललित की पीठ ने पत्र पर संज्ञान लेते हुए कहा कि मामला बहुत गंभीर है इसमें तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। कोर्ट ने सीबीआइ निदेशक को नोटिस जारी करते हुए तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू करने का आदेश दिया। साथ ही गृह मंत्रालय और सूचना तकनीक मंत्रालय को भी नोटिस जारी किया। पीठ ने गृह सचिव को निर्देश दिया कि वे तत्काल पेन ड्राइव सीबीआइ निदेशक को भेजें ताकि तुरंत जांच शुरू हो सके। कोर्ट ने वीडियो में दिख रही बातचीत के आधार पर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल व ओडिशा राज्यों को भी नोटिस जारी किया है।
दुष्कर्म की घटनाओं के दो वीडियो हैं। एक में आरोपी दिल्ली या यूपी की भाषा में बात करते नजर आ रहे हैं जबकि दूसरे में बांग्ला बोलते दिखते हैं। ये राज्य देखेंगे कि कही अपराधी उनके यहां के तो नहीं हैं। कोर्ट ने इस घटना पर 'शेम द रेपिस्ट कैम्पेन' चलाने वाले गैर सरकारी संगठन की कार्यकर्ता की कार पर हैदराबाद में हुए हमला मामले में कोई खास कार्रवाई नहीं होने पर तेलंगाना को भी नोटिस जारी किया है।
पीठ ने गैर सरकारी संगठन प्रज्जवला की ओर से भेजे गए पत्र में दुष्कर्म की दोनों घटनाओं का ब्योरा भी दर्ज किया। दुष्कर्म के दो वीडियो में से एक साढ़े चार मिनट और दूसरा साढ़े आठ मिनट का है। एक में एक व्यक्ति दुष्कर्म कर रहा है और दूसरा उसकी फिल्म बना रहा है जबकि दूसरे वीडियो में पांच लोगों को सामूहिक दुष्कर्म करते दिखाया गया है।
पीठ ने मुख्य न्यायाधीश को भेजे गए पत्र को औपचारिक याचिका में तब्दील करने का आदेश दिया है।
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