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दो दोषियों की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट पीठ ने ट्रायल कोर्ट से संबंधित दस्तावेज मिलने के चार सप्ताह के भीतर पुनरीक्षण याचिका का निपटारा नहीं होने के आधार पर दोनों को फिलहाल राहत दे दी।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 03 Nov 2016 08:25 PM (IST)Updated: Thu, 03 Nov 2016 08:50 PM (IST)
दो दोषियों की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने दो दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इन दोनों ने 2007 में झारखंड में अपने भाई और उसके समूचे परिवार की हत्या कर दी थी।

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मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट पीठ ने ट्रायल कोर्ट से संबंधित दस्तावेज मिलने के चार सप्ताह के भीतर पुनरीक्षण याचिका का निपटारा नहीं होने के आधार पर दोनों को फिलहाल राहत दे दी। पीठ ने कहा कि कोर्ट के अगले आदेश तक याचिकाकर्ताओं को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल स्थगित रहेगा। जस्टिस आरके अग्रवाल और अरुण मिश्रा इस पीठ के दो अन्य सदस्य हैं। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूबर, 2014 को मुफील खान और मुबारक खान की मौत की सजा बरकरार रखी थी। शीर्ष अदालत ने तब अपने फैसले में कहा था कि पूरे परिवार का खात्मा करने की नीयत से जिस बेरहमी से अपराध को अंजाम दिया गया, दोनों मौैत की सजा के हकदार हैं। झारखंड के लोहरदगा जिले के मकांडू गांव में रहने वाले मुफील और मुबारक ने मस्जिद में नमाज पढ़ते वक्त अपने भाई हनीफ खान की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी थी। इसके बाद उन्होंने घर जाकर हनीफ की पत्नी और उसके छह बच्चों, जिसमें एक दिव्यांग समेत चार मासूम भी शामिल थे, की भी हत्या कर दी थी। ट्रायल कोर्ट से उन्हें मिली मौत की सजा को झारखंड हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था। इस साल 23 जून को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी उनकी दया याचिका ठुकरा दी थी।

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