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मंजुनाथ के हत्यारों को उम्रकैद

इंडियन आयल के ईमानदार अधिकारी एस. मंजुनाथ के छह हत्यारों की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा को सही ठहराते हुए सभी छह हत्यारों की अपील खारिज कर दी हैै। 2005 में इंडियन ऑयल के युवा अधिकारी मंजुनाथ की पेट्रोल

By Test2 test2Edited By: Published: Wed, 11 Mar 2015 11:33 AM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2015 03:08 AM (IST)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। इंडियन आयल के ईमानदार अधिकारी एस. मंजुनाथ के छह हत्यारों की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा को सही ठहराते हुए सभी छह हत्यारों की अपील खारिज कर दी हैै। 2005 में इंडियन ऑयल के युवा अधिकारी मंजुनाथ की पेट्रोल पंप माफिया ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति एनवी रमना की पीठ ने अपीलों को खारिज करते हुए कहा कि हाई कोर्ट का फैसला सही है और उसमें दखल देने का कोई कारण नजर नहीं आता। अभियोजन पक्ष मामले को साबित करने में सफल रहा है। कोर्ट ने कहा कि जरूरी नहीं है कि हर हत्याकांड के सीधे और प्रत्यक्ष सबूत हों। कई बार परिस्थितिजन्य साक्ष्य से भी मामले साबित किए जाते हैं। इस मामले में भी परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं। अभियोजन पक्ष साक्ष्यों के जरिये अपराध की कडिय़ां जोडऩे में सफल रहा है।

हत्यारों की दलील

हत्यारों की दलील थी कि उन्हें दोषी ठहराने का हाई कोर्ट और निचली अदालत का फैसला सही नहीं है। उनके अपराध में शामिल होने का कोई सीधा सबूत नहीं है उन्हें सिर्फ सह अभियुक्तों के बयान के आधार पर दोषी ठहराया गया है।

सरकार का प्रतिवाद

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता गौरव भाटिया ने अपीलों का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्तों ने एक ईमानदार युवा अधिकारी को साजिश करके मार दिया। इस घटना से सारा देश सकते में आ गया था। इनकी सजा सही है और कोर्ट को उसमें दखल नहीं देना चाहिए।

इनको मिली सजा

उत्तर प्रदेश के गोला लखीमपुर खीरी के मेसर्स मित्तल ऑटो मोबाइल पेट्रोल पंप मालिक के बेटे पवन कुमार उर्फ मोनू मित्तल को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उसकी फांसी को उम्रकैद में तब्दील कर दिया। शेष पांच अभियुक्तों राकेश आनंद, शिवकेश गिरि उर्फ लल्ला, देवेश अग्निहोत्री, राजेश वर्मा व विवेक शर्मा को उम्र कैद की सजा हुई थी। सभी गुनहगारों ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

क्या था मामला

27 वर्षीय एस. मंजुनाथ उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के गोला में इंडियन ऑयल कारपोरेशन में सेल्स अधिकारी थे। 13 सितंबर 2005 को पेट्रोल पंप मित्तल ऑटो मोबाईल का निरीक्षण करने के दौरान अनियमितताएं मिलीं। उनकी शिकायत पर पेट्रोल पंप निलंबित कर दिया गया। 19 नवंबर को मंजुनाथ ने फिर वहां का निरीक्षण किया। लेकिन पेट्रोल पंप मालिक के बेटे पवन ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। इसका खुलासा 20 नवंबर को तब हुआ जब हाईवे पर पेट्रोलिंग करती पुलिस जीप ने एक मारुति कार को पकड़ा, जिसमें मंजुनाथ के शव के साथ अभियुक्त सवार थे।

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