किसान खुदकशी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्यों से मांगा जवाब
मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन 'सिटीजन रिसोर्स एंड एक्शन एंड इनीशिएटिव' की याचिका पर ये नोटिस जारी किए।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फसल खराब होने पर कर्ज न चुका पाने के कारण खुदकशी कर रहे किसानों की स्थिति पर चिंता जताते हुए किसानों की समस्या उठाने वाली एक जनहित याचिका का दायरा स्वयं बढ़ा दिया। कोर्ट ने मामले को मानवाधिकार का संवेदनशील मुद्दा बताते हुए केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) और सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर किसानों की कल्याणकारी योजनाओं पर जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन 'सिटीजन रिसोर्स एंड एक्शन एंड इनीशिएटिव' की याचिका पर ये नोटिस जारी किए। पीठ ने कहा कि ये पूरे देश से जुड़ा महत्वपूर्ण मामला है और इसमें सभी राज्यों को पक्षकार बनाया जाना चाहिए। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि प्राकृतिक आपदा के चलते फसल खराब होने पर बहुत से किसान कर्ज अदा न कर पाने के कारण खुदकशी कर लेते हैं, उनके लिए क्या योजना और नीति है? इस मामले में अदालत फसल बीमा योजना और किसानों से जुड़ी अन्य योजनाओं व राष्ट्रीय नीति पर विचार करेगी।
वैसे जनहित याचिका में सिर्फ गुजरात के किसानों का मुद्दा उठाया गया था। इसके मुताबिक 2003 से 2013 के बीच राज्य में 692 किसानों ने आत्महत्या की। 2013 की इस याचिका पर राज्य सरकार को तभी नोटिस भी जारी हुआ था। याचिका में खुदकशी करने वाले किसानों को पांच पांच लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग भी की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने किसान आत्महत्या को माना संवेदनशील मुद्दा, कहा- RBI तलाशे वजह