Move to Jagran APP

मेडिकल की खाली सीटें भरने को लेकर एक औऱ काउंसलिंग की मांग को कोर्ट ने ठुकराया

भूषण का कहना था कि जब देश में डॉक्टरों की भारी कमी है, ऐसे में एमबीबीएस और बीडीएस की सीटें खाली रहना राष्ट्रहित में नहीं है।

By Atul GuptaEdited By: Published: Fri, 28 Oct 2016 06:53 PM (IST)Updated: Fri, 28 Oct 2016 08:52 PM (IST)
मेडिकल की खाली सीटें भरने को लेकर एक औऱ काउंसलिंग की मांग को कोर्ट ने ठुकराया

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में खाली रह गई एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों को भरने के लिए एक और दौर की केंद्रीयकृत काउंसलिंग कराने की मांग शुक्रवार को ठुकरा दी।

loksabha election banner

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस आशय की मांग करने वाली गैर सरकारी संगठन संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट की याचिका खारिज कर दी। कहा कि अब इस बारे में कोई आदेश नहीं दिया जा सकता। हालांकि याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण कोर्ट से एक और दौर की केंद्रीयकृत काउंसलिंग का आदेश देने का अनुरोध करते रहे।

भूषण का कहना था कि जब देश में डॉक्टरों की भारी कमी है, ऐसे में एमबीबीएस और बीडीएस की सीटें खाली रहना राष्ट्रहित में नहीं है। सीटे खाली रहने से उन मेधावी बच्चों का भी एक साल का नुकसान होगा, जिन्होंने नीट की रैंकिंग में स्थान पाया है, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं मिला। उनका कहना था कि देश भर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 2 से 3 हजार और बीडीएस की भी करीब इतनी ही सीटें खाली रह गई हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय काउंसलिंग का समय बीच चुका है। उनका कहना था कि एक और दौर की केंद्रीयकृत काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया जाए और उसमें नीट परीक्षा की रैंकिंग के हिसाब से छात्रों को प्रवेश दिया जाए।

पढ़ें- MBBS और BDS की खाली सीटें भरने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.