सुप्रीमकोर्ट ने लिंग परीक्षण विज्ञापन पर याहू, गुगल, माइक्रोसाफ्ट को लगाई फटकार
लिंग परीक्षण के विज्ञापन नहीं रोक पाने के लिए सर्ज इंजन याहू, गुगल और माइक्रसॉफ्ट को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगायी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने वेबसाइट पर लिंग परीक्षण के विज्ञापन न रोक पाने के लिए मंगलवार को सर्च इंजन याहू, गुगल और माइक्रोसाफ्ट को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने उन्हें ऐसे विज्ञापन रोकने का आदेश देते हुए कहा कि वे यहां के कानून का सम्मान नहीं कर रहे हैं। वे यह कह कर नहीं बच सकते कि वे सिर्फ मध्यवर्ती संस्थाएं और इस मामले में कुछ नहीं कर सकते।
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ये आदेश मंगलवार को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा व न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने वेबसाइटों पर लिंग परीक्षण के विज्ञापन रोकने की साबू मैथ्यू जार्ज की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। जब कंपनियों ने विज्ञापन रोकने में असमर्थता जताते हुए कहा कि वे इस पर रोक नहीं लगा सकते हैं। वे तो जैसे ही कोई विज्ञापन आता है उसे ब्लाक कर देते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि वे ये कह कर नहीं बच सकते कि वे मध्यवर्तीय संस्थाएं हैं और यहां के कानून उल्लंघन होने पर कुछ नहीं कर सकते।
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कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह ऐसे विज्ञापनों को रोकने के बारे में कोई रास्ता निकाले। इस पर केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कोर्ट को बताया कि सरकार दस दिन के भीतर तकनीकी विशेषज्ञों के साथ इस मसले एक बैठक करने वाली है। कोर्ट ने याहू, गुगल और माइक्रोसाफ्ट को निर्देश दिया कि वे सरकार द्वारा बुलाई जानी वाली बैठक में भाग लें और अपने सुझाव वहां रखें। कोर्ट ने कहा कि उसके बाद कोर्ट में मैमोरेन्डम दाखिल कर बताया जाए कि ऐसे विज्ञापनों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई 25 जुलाई तक के लिए टाल दी।