Move to Jagran APP

मजिस्ट्रेट और सिविल जजों की याचिका पर उत्तर प्रदेश को नोटिस

उत्तर प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा सीधी भर्ती परीक्षा में भाग लेने के मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया गया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 04:44 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 04:48 AM (IST)
मजिस्ट्रेट और सिविल जजों की याचिका पर उत्तर प्रदेश को नोटिस

नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा सीधी भर्ती परीक्षा में शामिल होने की उम्मीद लगाए बैठे प्रदेश के 15 मजिस्ट्रेटों और सिविल जजों को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भी आवेदन करने की अनुमति नहीं दी। हालांकि कोर्ट ने उनके आड़े आ रहे यूपी हायर ज्युडिशियल सर्विस रूल 5(सी) को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार व हाईकोर्ट को नोटिस जारी किया है।

loksabha election banner

मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मजिस्ट्रेटों और सिविल जजों की ओर से पेश वकील हरीश पाण्डेय की दलीलें सुनने के बाद ये नोटिस जारी किया। लेकिन पीठ ने याचिकाकर्ताओं को आवेदन की इजाजत देने की मांग फिलहाल नहीं मानी। प्रदेश सरकार व हाईकोर्ट को याचिका पर दस दिन में जवाब दाखिल करना है। मामले पर दस दिन बाद फिर सुनवाई होगी।

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता उत्तर प्रदेश में अधीनस्थ अदालतों में मजिस्ट्रेट या सिविल जज जूनियर डिवीजन व सिविल जज सीनियर डिवीजन हैं। वे उत्तर प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा में सीधी भर्ती के लिए हो रही परीक्षा में भाग लेना चाहते हैं लेकिन यूपी हायर ज्यूडिशियल सर्विस रूल 5(सी) इसकी इजाजत नहीं देता। इन लोगों ने नियम 5(सी) को चुनौती देते हुए रद करने की मांग की है। इन लोगों ने इस बीच कोर्ट से परीक्षा में आवेदन करने की अनुमति भी मांगी है। बात ये है कि उत्तर प्रदेश में हायर ज्यूडिशियल सर्विस के 82 पदों पर सीधी भर्ती का विज्ञापन निकला है। ये परीक्षा 31 जुलाई को होनी है।

यह याचिका दाखिल करने वाले मजिस्ट्रेट और सिविल जज उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर, चित्रकूट, आजमगढ़, बांदा, देवरिया, बागपत, मिर्जापुर, बदायूं, आगरा, फर्रुखाबाद, झांसी, गोरखपुर, श्रावस्ती और गाजियाबाद की अदालतों में तैनात हैं। नियम के मुताबिक सीधी भर्ती परीक्षा में सिर्फ सात साल या उससे ज्यादा की वकालत का अनुभव रखने वाले वकील ही भाग ले सकते हैं। मजिस्ट्रेटों ने बराबरी के मौलिक अधिकार का हवाला देते हुए नियम को चुनौती दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.