महाराष्ट्र सरकार पेश करे जज लोया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट- सुप्रीम कोर्ट
पीठ ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि इस पर एकतरफा सुनवाई नहीं होनी चाहिए बल्कि दोनों पक्षों को सुने जाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के विशेष सीबीआइ जज बीएच लोया की मौत के मामले को गंभीर बताते हुए महाराष्ट्र सरकार से उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट और रिकार्ड पेश करने को कहा है। कोर्ट इस मामले में सोमवार को फिर सुनवाई करेगा।
कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला और महाराष्ट्र के एक पत्रकार बीआर लोन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर जज लोया की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है।
शुक्रवार को ये याचिकाएं न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा व न्यायमूर्ति एमएम शांतागौडर की पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगीं थीं। पीठ ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि इस पर एकतरफा सुनवाई नहीं होनी चाहिए बल्कि दोनों पक्षों को सुने जाने की जरूरत है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के वकील को निर्देश लेकर 15 जनवरी तक याचिका जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले पर सुनवाई के दौरान बाम्बे लायर एसोसिएशन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने पीठ से मामले की सुनवाई न करने का अनुरोध किया। जब पीठ ने उनसे पूछा कि आखिर सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई क्यों न करे तो दवे ने कहा कि बांबे हाईकोर्ट पहले से इस मामले को सुन रहा है ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तो हाईकोर्ट में लंबित मामले पर उसका असर पड़ेगा।
कोर्ट में मौजूद वरिष्ठ वकील इंद्रा जयसिंह ने भी कहा कि उन्हें बाम्बे लायर्स एसोसिएशन की ओर से निर्देश मिले हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई न करे। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट पहले ही इस मामले में दो आदेश पारित कर चुका है। पहले में हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है दूसरे केस पर सुनवाई के लिए 23 जनवरी की तिथि तय कर रखी है। इन दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि वे उनकी आपत्तियों पर बाद में विचार करेंगे। ये गंभीर मामला है। तभी तहसीन पूनावाला के वकील ने याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि ये गंभीर मामला है एक संवेदनशील मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस लोया की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हुई है। इस मामले की जांच होनी चाहिए। मालूम हो कि जज लोया सोराहबुद्दीन मुठभेड़ कांड की सुनवाई कर रहे थे।
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