नौसेना कमांडर ने वरिष्ठता की अनदेखी पर दर्ज कराई शिकायत
नौसेना की पश्चिमी कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा ने वरिष्ठता को दरकिनार कर एडमिरल आरके धवन को नौसेनाध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सिन्हा ने रक्षा मंत्रालय को भेजे पत्र में वरिष्ठता क्रम पर ध्यान दिए जाने का आग्रह किया है। साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि अगर उनकी शिकायत का समाधान नहीं किया
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नौसेना की पश्चिमी कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा ने वरिष्ठता को दरकिनार कर एडमिरल आरके धवन को नौसेनाध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सिन्हा ने रक्षा मंत्रालय को भेजे पत्र में वरिष्ठता क्रम पर ध्यान दिए जाने का आग्रह किया है। साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि अगर उनकी शिकायत का समाधान नहीं किया जा सकता तो उन्हे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी जाए।
नौसेना में वरिष्ठताक्रम को लेकर शुरू हुई तकरार और सिन्हा की ओर से इस्तीफे की पेशकश को लेकर नौसेना मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह रहे। इस बारे में पूछे जाने पर रक्षा प्रवक्ता सितांशु कार ने इतना ही कहा कि मामला मंत्रालय के संज्ञान में आया है। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार जरूरी कदम उठाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सिन्हा नौसेना प्रमुख बनाए गए एडमिरल धवन से सैन्य सेवा वरिष्ठता में ऊपर है।
नए नौसेना प्रमुख के लिए करीब पचास दिन चली कवायद के बाद वाइस चीफ पद पर तैनात धवन को ही पदोन्नत कर यह जिम्मेदारी दी गई। धवन ने गुरुवार को पदभार संभाल लिया। गत 26 फरवरी को सिंधुरत्न पनडुब्बी हादसे के बाद तत्कालीन नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डीके जोशी ने पद से इस्तीफा दे दिया था। सिंधुरत्न समेत पश्चिमी कमान में हुई कई नौसैनिक दुर्घटनाओं को ही वरिष्ठताक्रम में सिन्हा की अनदेखी का कारण माना जा रहा है।
जाती हुई सरकार द्वारा नौसेनाध्यक्ष की नियुक्ति और नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। पूर्व सेनाध्यक्ष और गाजियाबाद से भाजपा प्रत्याशी जनरल वीके सिंह ने कहा है कि सरकार को नियुक्तियों की ऐसी क्या जल्दी है? नई सरकार के आने का इंतजार किया जा सकता है। सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह का कार्यकाल जुलाई, 2014 को समाप्त हो रहा है। माना जा रहा है कि उनके बाद सेना के वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सुहाग सेनाध्यक्ष पद संभालेंगे जो सबसे वरिष्ठ सेना कमांडर हैं।
मई, 2012 में सेवानिवृत्त हुए जनरल वीके सिंह ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में लेफ्टिनेंट जनरल सुहाग के खिलाफ एक मामले में प्रशासनिक कार्रवाई की थी। लेकिन, सेना में नेतृत्व परिवर्तन के बाद उनके विरुद्ध यह मामला खत्म कर दिया गया।