सुकमा नक्सली हमलाः इस बार खुशकिस्मत नहीं थे सुरेंद्र
हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार नौकरी के दौरान आठ बार हमलों में बाल-बाल बचते रहे लेकिन इस बार किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
जागरण संवाददाता, मंडी। श्रीनगर से लेकर छत्तीसगढ़ समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले सीआरपीएफ में तैनात हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार नौकरी के दौरान आठ बार हमलों में बाल-बाल बचते रहे लेकिन इस बार किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के चिंतागुफा क्षेत्र में सोमवार को हुए नक्सली हमले में उन्होंने शहादत पाई। सुरेंद्र कुमार पुत्र स्वर्गीय रवि सिंह मंडी जिले के बल्ह हलके के नेरचौक के रहने वाले थे और सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन में तैनात थे। 12003 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए सुरेंद्र छत्तीसगढ़ में पिछले तीन साल से तैनात थे। उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी।
सुरेंद्र की पत्नी किरण कुमारी निजी तकनीकी संस्थान में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं। भाई जितेंद्र सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। दस अप्रैल को डेढ़ माह की छुट्टी काट कर वह ड्यूटी के लिए घर से रवाना हुए थे। छुट्टी के दौरान वह परिवार के साथ अमृतसर भी घूमने गए थे। तीन साल की बेटी एलीना से जल्दी आने का वादा करने वाले सुरेंद्र को शायद ऐसा आभास नहीं था कि परिवार के साथ उसकी आखिरी मुलाकात होगी।
यह भी पढ़ेंः खाना खा रहे जवानों पर राकेट लांचर से हमला, डेढ़ महीने में सुकमा में दूसरा अटैक
यह भी पढ़ेंः सुकमा हमलाः घायल जवान की मां ने कहा- मेरे बेटे ने 5 नक्सली मारे, उस पर गर्व है