टंगडार में सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमला, जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकी ढेर
उत्तरी कश्मीर में एलओसी से सटे टंगडार सेक्टर (कुपवाड़ा) में बुधवार तड़के सीमा पार से आए आतंकियों के दल ने एक सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमला कर दिया। पाकिस्तानी सेना द्वारा तैयार किए गए जैश-ए-मुहम्मद के बैट दस्ते के तीन आतंकी सैन्य शिविर के भीतर घुस चुके थे। सेना की
श्रीनगर, जागरण ब्यूरो । उत्तरी कश्मीर में एलओसी से सटे टंगडार सेक्टर (कुपवाड़ा) में बुधवार तड़के सीमा पार से आए आतंकियों के दल ने एक सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमला कर दिया। पाकिस्तानी सेना द्वारा तैयार किए गए जैश-ए-मुहम्मद के बैट दस्ते के तीन आतंकी सैन्य शिविर के भीतर घुस चुके थे। सेना की जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकी मारे गए।
सात घंटे चली भीषण मुठभेड़ में एक कर्नल और एक जेसीओ समेत चार सैन्यकर्मी जख्मी हैं, जबकि शिविर में कार्यरत एक नागरिक भी मारा गया। हालांकि सेना ने सिर्फ एक जेसीओ के जख्मी होने की पुष्टि की है। आतंकी हमले में सैन्य शिविर का तेल भंडार लगभग तबाह हो गया है और कई सैन्य वाहनों भी नुकसान पहुंचा है। बीते साल में टंगडार में यह दूसरा आत्मघाती हमला है।
हमले के बाद पूरे उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। घुसपैठ रोधी तंत्र की देर शाम एक उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा कर उसे और मजबूत बनाया गया है। इस बीच, जैश-ए-मुहम्मद के प्रवक्ता मुहम्मद हसन शाह ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
आतंकी हमले का निशाना बना सेना की 3/1 जीआर का शिविर एलओसी से भारतीय सीमा के करीब 10 किलोमीटर भीतर दरशक जंगल के बाहरी छोर पर है। आतंकियों के बारे में कहा जा रहा है कि ये गत शाम को ही एलओसी पार कर भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे।
सूत्रों की मानें तो स्वचालित हथियारों से लैस तीनों आतंकी नजर बचाकर शिविर के पिछले हिस्से में घुस गए। उन्होंने वहां मौजूद सैन्य वाहनों के साथ बारूदी सुरंगें और बम लगाना शुरू कर दिया। निकटवर्ती जनरेटर कक्ष में मौजूद तनवीर अहमद शेख निवासी टंगडार आवाज सुनकर बाहर निकला और वाहनों के पास संदिग्ध लोगों को देखा तो उसने शोर मचाया जवाब में आतंकियों ने उसे गोली मार दी।
वह मौके पर ही मारा गया। मुठभेड़ सुबह करीब सवा छह बजे शुरू हुई। आतंकियों ने वहां मिट्टी तेल के ड्रमों को आग लगा दी। कुछ वाहन भी जलने लगे। इस दौरान एक जेसीओ समेत तीन सैन्यकर्मी घायल हो गए। इसके बाद सेना की 104 इनफेंट्री ब्रिगेड के कर्नल बाल-बाल बच गए। गोली उनके कान को छूकर निकली। फिलहाल, वह भी अन्य घायल सैन्यकर्मियों के साथ अस्पताल में उपचाराधीन हैं। इस बीच, सेना की 4 पैरा का कमांडो का दस्ता सुबह नौ बजे हेलीकॉप्टर से मुठभेड़स्थल के पास उतारा गया।
जवानों ने आतंकियों को पीछे धकेलते हुए उनके द्वारा बिछाई गई कुछ बारूदी सुरंगों और आईईडी को भी हटाया। सुबह करीब दस बजे पहला आतंकी मारा गया जबकि दूसरा साढ़े बारह बजे। तीसरा और अंतिम आतंकी दोपहर एक बजे मारा गया। इसके साथ ही मुठभेड़ समाप्त हो गई।
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रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एनएन जोशी और एसपी कुपवाड़ा एजाज अहमद के अनुसार, आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई है। मारे गए आतंकियों के पास से तीन एसाल्ट राइफलें, सात मैगजीन, पांच यूबीजीएल, भारी मात्रा में ग्रेनेड, कारतूस और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज व अत्याधुनिक रेडियो सेट भी मिले हैं। उनके पास से जीपीएस भी बरामद हुए हैं।
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