मीडिया से फैंस तक कहीं नहीं हुई इस खिलाड़ी की तारीफ, कुछ सेकेंड में मुंबई को बनाया चैंपियन
खिलाड़ियों से लेकर कमेंटटर तक और मीडिया से लेकर फैंस तक कहीं भी इस खिलाड़ी की चर्चा होती नजर नहीं आई।
[स्पेशल डेस्क], शिवम् अवस्थी, नई दिल्ली। आइपीएल-10 के फाइनल में रविवार रात काफी कुछ हुआ था। रोमांच से भरे इस मैच में मुंबई की टीम ने अंतिम गेंद पर 1 रन से पुणे को पस्त करते हुए अपना तीसरा खिताब जीता। गोते लगाती धड़कनों और इस रोमांच के बीच एक ऐसा पल भी आया था जब एक गलती भी भारी पड़ जाती..इसी दौरान एक खिलाड़ी ने कुछ ही सेकेंड में मुंबई को चैंपियन बना दिया। हालांकि खिलाड़ियों से लेकर कमेंटटर तक और मीडिया से लेकर फैंस तक कहीं भी इस खिलाड़ी की चर्चा होती नजर नहीं आई।
- वो चंद सेकेंड..
हम बात कर रहे हैं मैच की अंतिम गेंद के बारे में। इस गेंद पर पुणे को जीत के लिए 4 रन या स्कोर बराबर करने के लिए 3 रन चाहिए थे। पुणे के बल्लेबाज डेन क्रिस्चियन ने जॉनसन की इस गेंद को डीप स्क्वायर और डीप मिडविकेट के बीच में खेल दिया। गेंद तेजी से बाउंड्री की तरफ बढ़ रही थी तभी बाईं तरफ से दौड़ लगाते हुए एक फील्डर आया, गेंद को रोकने व उठाने में थोड़ा लड़खड़ाए और फिर उन्होंने लाजवाब व संयमित थ्रो एक बाउंस के जरिए सीधे विकेट के ऊपर कीपर पार्थिव पटेल के हाथों में फेंका। मुंबई के बल्लेबाज दो रन पूरे कर चुके थे और तीसरे रन के लिए भी दौड़ चुके थे। अंदाजा लगाइए कि अगर ये थ्रो जरा भी आगे-पीछे या बाएं-दाएं होता तो जब तक पटेल उसको लपकते, तब तब बल्लेबाज तीसरा रन पूरा कर लेता और स्कोर बराबर हो जाता। दोनों टीमों को फिर सुपर ओवर खेलना पड़ता..लेकिन इस एक सटीक थ्रो न सब कुछ बदलकर रख दिया।
- अचानक हुई थी एंट्री, जोंटी रोड्स का अचूक फैसला
इस थ्रो को फेंकने वाले फील्डर थे 23 वर्षीय जगदीश सुचिथ। बहुत कम ही लोगों ने इस खिलाड़ी पर ध्यान दिया होगा क्योंकि वो अंतिम ओवर में ही एक अन्य फील्डर की जगह सब्स्टिट्यूट फील्डर के रूप में मैदान पर आए थे। मुंबई के फील्डिंग कोच दक्षिण अफ्रीका के पूर्व महान फील्डर जोंटी रोड्स हैं और ये जोंटी का ही फैसला था कि ऐसे समय पर सुचिथ मैदान पर रहें। जोंटी अपनी टीम के हर खिलाड़ी की फील्डिंग, उससे जुड़ी कमजोरी और ताकत के नोट्स लिखते रहते हैं और उन्हें बहुत अच्छी तरह पता है कि टीम में शानदार फील्डिंग करने वाले खिलाड़ी कौन हैं।
- वाह! पहली और आखिरी झलक, जानिए एक और हैरानी वाली बात
ये वाकई हैरानी वाली बात थी कि सुचिथ अंतिम ओवर में मैदान के अंदर मौजूद थे। दरअसल, आइपीएल-2017 में सुचिथ की ये पहली और आखिरी झलक थी, जी हां, सुचित ने पूरे सीजन में एक भी मैच नहीं खेला था। कर्नाटक के इस गेंदबाज को 2015 में मुंबई ने 10 लाख रुपये में खरीदा था और उन्होंने उस सीजन के 13 मैचों में 10 विकेट लिए थे। हालांकि अगले साल 2016 में उन्हें सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला और इस साल एक भी मैच में नहीं। सुचिथ ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट (फर्स्ट क्लास क्रिकेट) में भी अब तक सिर्फ एक ही मैच खेला था।
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