बिहार चुनाव से पहले सबके खाते में मिलेगी सब्सिडी
बिहार में इसी साल और पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों का हश्र दिल्ली की तरह न हो, इसकी तैयारियों में केंद्र सरकार भी जुट गई है। सरकार ने तय कर लिया है कि चार महीने में अगले किसी भी चुनाव से पूर्व लोगों के खाते में
नई दिल्ली (नितिन प्रधान)। बिहार में इसी साल और पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों का हश्र दिल्ली की तरह न हो, इसकी तैयारियों में केंद्र सरकार भी जुट गई है। सरकार ने तय कर लिया है कि चार महीने में अगले किसी भी चुनाव से पूर्व लोगों के खाते में सिर्फ रसोई गैस ही नहीं बल्कि सरकार की तरफ से मिलने वाला हर अनुदान (सब्सिडी) पहुंच जाए। इस साल अप्रैल से इसकी शुरुआत हो जाएगी। जून के अंत तक इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
इसके लिए वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय स्कीमों का संचालन करने वाले सभी मंत्रालयों और विभागों को 30 मार्च 2015 तक लाभार्थियों की सूची का ऑनलाइन डेटा तैयार करने का निर्देश दिया है। 30 जून 2015 तक इस सूची में सौ प्रतिशत आधार संख्या वाले लोगों को शामिल करना होगा। सरकार चाहती है कि बैंक खातों में अनुदान का वितरण केवल केंद्रीय स्तर तक सीमित न हो, बल्कि इसका लाभ राज्यों में जिला और ब्लॉक स्तर तक मिले। वित्त मंत्रालय ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने का खाका तैयार कर लिया है। इसके तहत सभी केंद्रीय स्कीमों और केंद्र पोषित स्कीमों को शामिल किया जा रहा है। रसोई गैस सब्सिडी को ग्राहकों के खाते में देने की सफलता के बाद सभी मंत्रालयों से इसी ढांचे को अपनी स्कीमों के लिए इस्तेमाल करने को कहा गया है।
35 जिलों में पायलट योजना
अभी 35 जिलों में पायलट आधार पर हर तरह की सब्सिडी देने की डीबीटी योजना चल रही है। सरकार चाहती है कि जून के बाद सभी स्कीमों में दी जाने वाली सब्सिडी की राशि पूरे देश में लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे जाए। इससे न केवल सब्सिडी वितरण में पारदर्शिता आएगी बल्कि इसकी चोरी रुकेगी और प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए खातों का भी इस्तेमाल हो सकेगा।
कुछ हिस्सों में अप्रैल से ई-ट्रांसफर
13 फरवरी को ही सभी मंत्रालयों और विभागों को वित्त मंत्रालय की तरफ से भेजे गए ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है कि समय रहते इसकी तैयारी कर ली जाए। केंद्रीय स्कीमों के संबंध में कहा गया है कि प्रत्येक विभाग या मंत्रालय को लाभार्थी को इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर से सब्सिडी देनी है। चाहे वह व्यक्तिगत तौर पर दी जानी हो या संस्थागत तौर पर। इसके लिए सभी से 30 जून तक लाभार्थियों की सूची तैयार करने को कहा गया है। यह सूची लोगों के आधार नंबर पर आधारित होगी। देश के कुछ हिस्सों में जिनके खाते आधार संख्या से जुड़े हुए हैं उन्हें अप्रैल से ही ई-ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
सूची पर केंद्र व राज्यों में तालमेल
जहां तक केंद्र पोषित स्कीमों का सवाल है, पहले केंद्र की तरफ से फंड राज्यों को जाएगा। फिर प्रत्येक मंत्रालय या विभाग राज्य सरकार के साथ मिलकर सुनिश्चित करेगा कि यह राशि प्रत्येक लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर हो। मंत्रालयों और विभागों को यह छूट भी दी गई है कि यदि वे राज्यों से लाभार्थियों की सूची प्राप्त कर लेते हैं तो सीधे उनके बैंक खाते में भी सब्सिडी की राशि ट्रांसफर हो सकती है।