दार्जिलिंग में पढ़ने वाले छात्रों के लिए पिघला जीजेएम का दिल, बंद में दी 'छूट'
स्कूल प्रशासन को उम्मीद है कि जब 4 जुलाई को विद्यालय फिर से खुलेंगे, तो दार्जिलिंग के हालात सामान्य हो जाएंगे।
दार्जिलिंग, एएनआइ। दार्जिलिंग में अभी हालात सामन्य नहीं हुए हैं। ऐसे में दार्जिलिंग के जाने-माने बॉर्डिंग स्कूल के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है कि वे बच्चों को छुट्टियों में घर कैसे भेजें? गोरखा जनमुक्ति मोर्चा(जीजेएम) ने अलग गोरखालैंड की मांग करते हुए दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन बंद बुला रखा है।
दार्जिलिंग के ज्यादातर बॉर्डिंग स्कूल्स के अधिकारियों को कल तक ये समझ ही नहीं आ रहा था कि वे अगले सप्ताह शुरू होने वाली छुट्टियों के लिए छात्रों को घर कैसे भेजें? लेकिन अब इसका समाधान निकल आया है। जीजेएम ने बंद में 12 घंटे की छूट दी है, ताकि स्कूल के छात्र अपने घरों तक सुरक्षित पहुंच सकें। स्कूल प्रशासन को उम्मीद है कि जब 4 जुलाई को विद्यालय फिर से खुलेंगे, तो दार्जिलिंग के हालात सामान्य हो जाएंगे। हालांकि छात्रों का कहना है कि वे अब तभी विद्यालयों में लौटेंगे, जब परिस्थितियां काबू में होंगी।
क्वीन हिल स्कूल की प्रिंसिपल पार्थ प्रतिम डे ने बताया, 'बंद की वजह से हम पहले छात्रों को घर नहीं भेज सकते थे, लेकिन अब उन्होंने हमें बंद में छूट और एक सुरक्षित रास्ता मुहैया कराया है। आज से हमारे स्कूल की छुट्टियां शुरू हो रही हैं, इसलिए हमने उनसे छूट देने के लिए अनुरोध किया था। हमने उन्हें बताया कि हमें एक सुरक्षित मार्ग चाहिए। हमारे साथ बच्चे हैं, इसलिए कोई नुकसान नहीं होगा।'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उम्मीद है जब 4 जुलाई को स्कूल खुलेंगे, तो हालात बेहतर हो जाएंगे। वहीं पांचवीं कक्षा के एक छात्र ने कहा, 'मैं खुश हूं कि छुट्टियों में घर जाने का रास्ता साफ हो गया है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि इस बार हम एक साथ बस में स्कूल से निकलेंगे। इससे पहले छुट्टियों में हम स्कूल से प्राइवेट कार में घर के लिए जाते थे।' उधर कोरिया की एक 8वीं कक्षा की छात्र यू जॉन्ग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है, अगले महीने तक हालात सामान्य हो जाएंगे। उन्हें खुशी है कि इतने लंबे समय बाद घर जाने का मौका मिल रहा है।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने 23 जून को दार्जिलिंग की पहाड़ियों के स्कूलों को अपने छात्रों को सुरक्षित सिलीगुड़ी और रोंगपो ले जाने के लिए बंद में 12 घंटे की छूट दी है। बता दें कि 15 जून को जीजेएम द्वारा पहाड़ियों में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया गया था।
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