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आतंक पर प्रहार से पूर्व सैनिकों का सीना चौड़ा, कहा- ले लिया उड़ी का बदला

इस कार्रवाई से सैनिकों और शहीदों के परिजनों का मनोबल बढ़ा है। पाकिस्तान को भी कड़ा संदेश मिला है कि भारतीय सेना जब चाहे आतंकी शिविरों को तबाह कर सकती है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 30 Sep 2016 04:06 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2016 04:21 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, जम्मू। गुलाम कश्मीर में आतंकीप्रशिक्षण शिविरों पर भारतीय सेना के सटीक प्रहार से पूर्व सैनिक भी जोश में हैं। परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह ने तो इसे उड़ी हमले का बदला बताया। अन्य बोले अब और बर्दाश्त नहीं होगा। इस कार्रवाई से सैनिकों और शहीदों के परिजनों का मनोबल बढ़ा है। पाकिस्तान को भी कड़ा संदेश मिला है कि भारतीय सेना जब चाहे आतंकी शिविरों को तबाह कर सकती है।

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सेवानिवृत मेजर जनरल गोवर्धन सिंह जम्वाल का कहना है कि आतंकवाद व उसे शह देने वालों को कड़ा संदेश दिया जाना जरूरी है। इस दिशा में पहल हुई है। पाकिस्तान जैसे देश पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। हमारी सेना कुछ भी करने में सक्षम है।

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राज्य में पाकिस्तान की शह पर हो रही मौतों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों का भी केंद्र सरकार से यही सवाल रहता है कि हत्यारों को सजा देने के लिए क्या किया जा रहा है। सर्जिकल स्ट्राइक से साबित हुआ है कि हम दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारने की हिम्मत रखते हैं। पाकिस्तान व उसके आतंकवादियों को संदेश मिला है कि अब भारत और बर्दाश्त करने के मूड़ में नहीं है। यह कहना है सेवानिवृत ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता का।

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उनका कहना है आतंकी शिविर तबाह किए जाने से यह भी साबित हुआ कि हमारी सेना कुछ भी करने में सक्षम व पाकिस्तान की खोखली धमकियों का हम पर असर नहीं है। हमने उस इलाके में आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर तबाह किए हैं, जो हमारा है। लिहाजा यह हमारी सेना का आतंकवादी विरोध अभियान है। हमारी सेना अब किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार है।

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